पारितोष (37) एक दवा कंपनी के लिए काम करते हैं। उन्हें क़रीब ₹1 लाख इन-हैंड सैलेरी मिलती है। वो अपनी पांच साल की बेटी की उच्च-शिक्षा के लिए और अपने रिटायरमेंट के लिए निवेश करना चाहते हैं। मगर मौजूदा आर्थिक अनिश्चितता के कारण वो असमंजस में हैं। उन्हेंस समझ नहीं आ रहा कि ये निवेश शुरु करने का सही समय है या नहीं। पारितोष ये भी जानना चाहते हैं कि उन्हें इक्विटी या गोल्ड में निवेश करना चाहिए या नहीं। एकमुश्त निवेश के लिए उनके पास ₹2 लाख की रक़म है। अपने निवेश प्लान में पारितोष को क्या करना चाहिए उसके लिए हम यहां सुझाव दे रहे हैं।
निवेश की शुरुआत अभी करें
निवेश शुरु करने का कोई अच्छा या बुरा वक़्त नहीं होता। अहम है, कि आप निवेश का सही तरीक़ा चुनें और सुलझे हुए तरीक़े से निवेश करें। एक अच्छा फ़ाइनेंशियल प्लान बनाना और अच्छे-बुरे वक़्त में उस पर टिके रहना बेहद ज़रूरी है, ताकि आप अपने फ़ाइनेंशियल गोल हासिल कर सकें। मार्केट की, और जीवन की आर्थिक अनिश्चितताएं शायद ही कभी ख़त्म होती हैं। जब एक घटना का असर ख़त्म होता है, कुछ और शुरु हो जाता है। तो, छोटी-अवधि में होने वाली हलचलों पर ज़्यादा ध्यान मत दें। आपको प्लान करते समय, लंबी-अवधि को ध्यान में रखना चाहिए। महत्वपूर्ण बात ये है कि निवेश में देर करने से, आप निवेश के अवसर खो सकते हैं। इस बारे में हम नीचे भी बात करेंगे।
गोल्ड को निवेश मत मानिए
जब भी आर्थिक अनिश्चितता का दौर आता है, सोने के दाम में उछाल आता है। मगर ये बहुत काम का एसेट नहीं है। इसकी क़ीमत किसी मूल आर्थिक अवधारणा पर नहीं टिकी है। सोने को निवेश के तौर पर नहीं बल्कि उपभोक्ता वस्तु की तरह देखना चाहिए।
मगर फिर भी आप सोने में निवेश करना ही चाहते हैं, तो इसे अपने पोर्टफ़ोलियो में 5-10 प्रतिशत से ज़्यादा नहीं रखें तो बेहतर होगा। सोने में निवेश के लिए, सॉवरिन गोल्ड बॉन्ड (Sovereign Gold Bonds) सबसे अच्छा विकल्प है। मैच्योरिटी पर, इन बॉन्ड को आप, रिडीम करने के समय, सोने के मूल्य पर रिडीम कर सकते हैं। ये बॉन्ड अपनी होल्डिंग के दौरान 2.5 प्रतिशत का ब्याज भी देते हैं।
निवेश के चुनाव का सही तरीक़ा
निवेश कहां करना है इसका चुनाव, निवेश की अवधि, निवेश का कारण और आपके रिस्क लेने की क्षमता के आधार पर तय करना चाहिए। तो, पहले अपने निवेश का गोल अपने मन में बिल्कुल पक्का कर लें और फिर ये तय करें कि निवेश कहां करना है।
अगर आपके निवेश-गोल पांच साल से ज़्यादा के हैं, तो इक्विटी में निवेश करना आपके लिए बिल्कुल सही रहेगा। अगर आपके गोल तीन से चार साल दूर हैं, तो आपको छोटी-अवधि के डेट-फ़ंड का चुनाव करना चाहिए। छोटी अवधि के गोल, जिनमें पैसों की ज़रूरत एक-दो साल में ही होगी, उसके लिए आपको लीक्विड फ़ंड या अल्ट्रा-शॉर्ट-ड्यूरेशन फ़ंड को चुनना चाहिए।
एकमुश्त निवेश
निवेश के लिए पारितोष के पास ₹2 लाख की रक़म है, जिसका इस्तेमाल वो अपने आर्थिक गोल के लिए करना चाहते हैं। उनका अपना रिटायरमेंट और उनकी बेटी की उच्च शिक्षा, ये दोनों ही गोल लंबी-अवधि के हैं जिनके लिए उनके पास अभी 10 साल हैं।
उन्हें इस राशि का निवेश एक अग्रेसिव-हाइब्रिड फ़ंड में करना चाहिए। ये फ़ंड शुरुआती निवेशकों के लिए बिल्कुल ठीक रहते हैं, क्योंकि इनमें डेट निवेश काफ़ी होता है, ये प्योर-इक्विटी फ़ंड से कम उतार-चढ़ाव वाले होते हैं। एक बार वो मार्केट के बड़े उतार-चढ़ावों को लेकर सहज हो जाएं, फिर फ़्लैक्सी-कैप फंड्स की तरफ़ मुड़ सकते हैं।
हालांकि, इस रक़म को एक ही बार में निवेश नहीं करना चाहिए। इसे अगले छः महीने के दौरान, किश्तों में इक्विटी निवेश करने से ग़लत समय में निवेश की शुरुआत करने से बचा जा सकता है। इससे आपके निवेश की लागत (purchase cost) एक औसत स्तर पर रहेगी।
इसे नज़रअंदाज़ मत करें
इमरजेंसी फ़ंड - अपने छः महीने के ख़र्च के बराबर का इमरजेंसी फ़ंड रखना चाहिए। इसे लीक्विड-फ़ंड के और स्वीप-इन फ़िक्स डिपॉज़िट के कॉम्बिनेशन में रखना अच्छा होगा। मौजूदा संकट के दौरान, शायद आपको ज़्यादा बड़े इमर्जेंसी फ़ंड की ज़रूरत पड़ सकती है।
लाइफ़ इंश्योरेंस: आपको अच्छी रक़म का टर्म-लाइफ़-इंश्योरेंस ख़रीदना चाहिए ताकि आपकी ग़ैर-मौजूदगी में भी आपका परिवार आर्थिक तौर पर सुरक्षित रह सके। आदर्श तो ये होगा, कि लाइफ़ कवर की राशि आपकी सालाना आमदनी का 10-12 प्रतिशत हो। किसी भी दूसरे गोल में निवेश करने से पहले आपके टर्म-लाइफ़-इंश्योरेंस ले लेना चाहिए।
हेल्थ इंश्योरेंस: अचानक आई कोई मेडिकल इमर्जेंसी आपके फ़ाइनेंशियल प्लान के लिए मुश्किल खड़ी कर सकती है। आपको एक ऐसा हेल्थ इंश्योरेंस लेना चाहिए जो आपको अच्छा हेल्थ कवर देता हो।