मेरी निवेश यात्रा

43 साल की उम्र में करोड़पति बने शख़्स की जानिए निवेश स्ट्रैटजी

ये वैल्यू रिसर्च के साथ 14 साल का जुड़ाव ही था, जिससे आयुष्मान को महज 43 साल की उम्र में करोड़पति बनने में मदद मिली

43 साल की उम्र में करोड़पति बने शख़्स की जानिए निवेश स्ट्रैटजी

ये वैल्यू रिसर्च के साथ 14 साल पुराना जुड़ाव ही था, जिससे आयुष्मान को महज 43 साल की उम्र में करोड़पति बनने में मदद मिली. हम यहां वैल्‍यू रिसर्च के पाठक आयुष्‍मान गर्ग की बात कर रहे हैं, जिन्होंने 2004 में म्‍यूचुअल फ़ंड में पैसा लगाना शुरू किया था. म्‍युचुअल फ़ंड में नियमित तौर पर अनुशासन के साथ पैसा लगाने की वजह से वे करोड़पति बन पाए हैं. आयुष्‍मान को पूरा भरोसा है कि अगले कुछ वर्षों तक और म्‍यूचुअल फ़ंड्स में पैसा लगाते रहें तो वो समय से काफ़ी पहले रिटायर हो सकते हैं. आइए देखें आयुष्‍मान ने ₹1 करोड़ कैसे जोड़े.

पहली नौकरी के साथ शुरू की बचत

आयुष्‍मान ने 1995 में ग्रेजुएशन की पढ़ाई पूरी करने के तुरंत बाद पहली नौकरी अकाउंट एक्‍जीक्‍यूटिव के तौर पर शुरू की. उन्‍होंने पहली नौकरी के साथ ही बचत शुरू कर दी. पहले ₹100 की रिकरिंग डिपॉजिट यानी RD शुरू की. इसके बाद 1997 के आस-पास उन्‍होंने IDBI डीप डिस्‍काउंट बॉन्ड्स में ₹5,000 लगाए. इससे उनको लगभग 10-12 फ़ीसदी रिटर्न मिला. 2004 में आयुष्‍मान ने म्‍यूचुअल फ़ंड में दिलचस्‍पी लेनी शुरू की. इसकी वजह से वे म्‍यूचुअल फ़ंड बिज़नस में आए. आयुष्‍मान एक डिस्‍ट्रीब्‍यूशन कंपनी में सलाहकार बन गए. आयुष्‍मान ने बताया कि म्‍यूचुअल फ़ंड में मेरा पहला निवेश ₹10,000 का था. ये पैसा मैने सितंबर 2004 में प्रिंसिपल डिविडेंड यील्‍ड फ़ंड के NFO में लगाया था. इससे मुझे दो साल में सालाना 12 फ़ीसदी रिटर्न मिला.

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उस समय SIP यानी सिस्‍टमेटिक इन्‍वेस्‍टमेंट प्‍लान में निवेश के लिए ECS की सुविधा नहीं थी, इसलिए निवेश के लिए चेक देना पड़ता था. 2005 में मैं सभी प्रकार के NFO में निवेश कर रहा था. इसके बाद मैंने वैल्यू रिसर्च के सीईओ धीरेंद्र कुमार की सलाह मानी और बाज़ार में पहले से उपलब्‍ध फ़ंडों में पैसा लगाना शुरू किया.

कैसे बदली सोच?

आयुष्‍मान ने जब वैल्‍यू रिसर्च की वेबसाइट और मैगजीनों को नियमित तौर पर पढ़ना शुरू किया तो उनकी सोच पूरी तरह से बदल गई. इसके बाद पहले कदम के तौर पर उन्‍होंने SIP के ज़रिए निवेश करना शुरू किया. एक समय में उन्‍होंने दो या तीन फ़ंड्स में निवेश किया. आयुष्‍मान इस बात को समझ चुके थे कि कम रक़म भी नियमित तौर पर निवेश करना ज़रूरी है.

आयुष्‍मान का कहना है कि ये ज़्यादा अहम नहीं है कि आप कितनी रक़म बचा रहे हैं, अहम बात ये है कि आप कितने लंबे समय तक बचा रहे हैं. ज़्यादातर लोग सोचते हैं कि उनको निवेश शुरू करने के लिए ज़्यादा रक़म की ज़रूरत है, जबकि उनको ज़्यादा समय तक निवेश करने की ज़रूरत होती है.

कब हुआ 1 करोड़ का पोर्टफ़ोलियो

जून 2017 में आयुष्‍मान का पोर्टफ़ोलियो 1 करोड़ के पार निकल गया. उन्‍होंने पिछले 13-14 सालों में लगभग ₹50 लाख निवेश किए. 2015 में उन्‍होंने पोर्टफ़ोलियो में बड़ा बदलाव किया. उन्‍होंने अपने पैसे को रेगुलर प्‍लान से डायरेक्‍ट प्‍लान में लगाया.

अंशुमान ने बताया कि मेरे पिता रोज शाम को घरेलू ख़र्च का ब्‍यौरा लिखते थे. इससे उनको ख़र्चों पर अंकुश लगाने में मदद मिलती थी. शादी के बाद से मैं भी उनकी इस आदत का पालन कर रहा हूं. इस आदत की वजह से आयुष्‍मान अपने ख़र्च को कम रख सके और ज़्यादा पैसा निवेश कर सके.

आज उनका सबसे ज़्यादा निवेश BNP परिबास मल्‍टीकैप, फ्रैंकलिन स्‍मालर कंपनीज और सुंदरम स्‍मॉल फंड में है. इसके अलावा, उन्‍होंने ICICI प्रूडेंशियल वैल्‍यू डिस्‍कवरी, HDFC इक्विटी और HSBI स्‍माल कैप में भी निवेश किया है. उन्‍होंने कुछ पैसा DSP ब्‍लैकरॉक के बैलेंस्‍ड फ़ंड में भी निवेश किया है. इस फंड में आयुष्‍मान ने पिछले साल निवेश करना शुरू किया था.

आयुष्‍मान की बेटी तीसरी कक्षा में पढ़ती है. उसकी शिक्षा के लिए वे रिलायंस स्‍मॉल कैप में हर महीने SIP चला रहे हैं. इस फ़ंड में उन्‍हें अब तक 16.65 फ़ीसदी रिटर्न मिला है.

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आयुष्‍मान कैसे चुनते हैं फ़ंड

आयुष्‍मान ने बताया कि वे आम तौर पर ऐसे 4 या 4 स्‍टार रेटिंग वाले फ़ंड्स में निवेश करते हैं जिन्‍होंने थोड़ा कम रिटर्न दिया हो. यानी, ये फ़ंड टॉप रेटेड होने चाहिए लेकिन प्रदर्शन के लिहाज से ये पिछली दो तिमाही में शिखर पर नहीं होने चाहिए. कई बार ऐसे फ़ंड्स को कम रेटिंग भी मिलती है. आयुष्‍मान का अनुभव बताता है कि ऐसे फ़ंड्स में निवेश का नतीजा अच्‍छा होता है. ऐसे फ़ंड मजबूती के साथ वापसी करते हैं.

आयुष्‍मान बाज़ार में गिरावट आने का इंतजार कर रहे हैं. उनका मानना है कि अगर ऐसा होता है तो लंबी अवधि के निवेशकों के लिए ये अच्‍छा होगा. उन्‍होंने बताया कि मैंने 2006 में शेयरों में सीधे निवेश करना बंद कर दिया था. इसके बाद 2008 में बाज़ार में तेज़ गिरावट आई लेकिन मैं इससे डरा नहीं. मैने JM इमर्जिंग फंड में SIP की. 2008 में बाज़ार में तेज़ उतार चढ़ाव का दौर था. मैंने SIP के ज़रिए हर माह ₹10,000 के हिसाब से कुल ₹2 लाख निवेश किए. मेरा निवेश दो साल में दोगुना हो गया.

जल्‍दी रिटायर होने की योजना

आयुष्‍मान जल्‍दी रिटायर होने की योजना बना रहे हैं. ये उनका सबसे बड़ा वित्‍तीय लक्ष्‍य है. आयुष्‍मान का कहना है कि मैं जल्‍द रिटायरमेंट लूंगा. मैं 48 साल की उम्र में रिटायर होना चाहता हूं. ऐसे में मेरे पास चार साल और हैं. मैं और जल्‍दी रिटायर हो सकता था अगर मैने 2011 में घर ख़रीदने में ₹40 लाख निवेश नहीं किए होते. मैं इस पैसे को बैलैंस्‍ड स्‍कीम में लगाने की योजना बना रहा हूं. इससे मुझे लंबी अवधि तक नियमित आय मिलती रहेगी.

आयुष्‍मान के अनुसार, अगर उन्‍होंने ₹40 लाख रियल एस्‍टेट के बजाए म्‍यूचुअल फ़ंड में लगाए होते तो मौजूदा समय में उनकी कीमत दोगुने से अधिक यानी लगभग ₹1 करोड़ होती. वहीं घर की मौजूदा क़ीमत ₹60 लाख है. आयुष्‍मान मानते हैं कि उन्‍होंने ₹1 करोड़ अतिरिक्‍त कमाने का मौका गवां दिया.

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