बफ़ेट की कमांडमेंट्स

इंट्रिंसिक वैल्यू पर क्या कहते हैं वॉरेन बफ़ेट

इंट्रिंसिक वैल्यू या आंतरिक मूल्य, ये जानने के काम आता है कि मौजूदा शेयर की वैल्यू अपनी क़ीमत से ज़्यादा है या कम, हालांकि बफ़ेट ने ये कभी नहीं बताया कि वो ख़ुद इंट्रिंसिक वैल्यू कैसे तय करते हैं, पर वो ये ज़रूरत बताते हैं कि इसे नापा कैसे जा सकता है।

इंट्रिंसिक वैल्यू पर क्या कहते हैं वॉरेन बफ़ेट

इंट्रिंसिक वैल्यू से ये पता लगाया जा सकता है कि शेयर की क़ीमत अपनी सही वैल्यू से ऊपर मिल रहा है या नीचे। वॉरेन बफ़ेट भी इसी इंट्रिंसिक वैल्यू के आधार पर अपने शेयर ख़रीदने या बेचने का फ़ैसले लेते हैं। उन्होंने कभी तो खुल कर तो नहीं बताया कि अपने फ़ैसलों के लिए वो इंट्रिंसिक वैल्यू कैसे तय करते हैं, मगर वो ये ज़रूर समझाते हैं कि इंट्रिंसिक वैल्यू निकाली कैसे जाए, और शेयर की वैल्यू तय करते समय आपको किन बातों का ध्यान रखना चाहिए।

बफ़ेट की बात
मान लीजिए कि आप एक खेत ख़रीदना चाहते हैं और इसके लिए आप हिसाब लगाते हैं, कि खेती से आप हर एकड़ पर $70 कमा सकते हैं। तो इसके लिए (खेत खरीदने के लिए प्रति एकड़) आप कितना पैसा देंगे? क्या आपको लगता है कि आपकी खेती आने वाले वक़्त में बेहतर उपज कर पाएगी? क्या आपको लगता है कि उपज का मूल्य आने वाले वक़्त में ज़्यादा हो जाएगा? अगर आप ये तय करते हैं कि आपको 7 प्रतशित का रिटर्न चाहिए, तो इसके लिए आप $1,00,000/एकड़ देंगे। अगर ये $80,000 में मिल जाता है तो आप इसे ख़रीदेंगे, पर अगर ये $1,20,000 में है तो आप नहीं ख़रीदेंगे।
सालाना मीटिंग के नोट्स, 2007

1974 में आप वॉशिंग्टन पोस्ट ख़रीद सकते थे जब पूरी कंपनी की वैल्यू $8 करोड़ थी। अब उस वक़्त कंपनी पर कोई कर्ज़ नहीं था, उसके पास वॉशिंग्टन पोस्ट न्यूज़पेपर, न्यूज़वीक, वॉशिंग्टन डीसी के सीबीएस स्टेशन, और जैक्सनविल, फ़्लोरिडा, एबीसी का मियामी स्टेशन, हार्टफोर्ड/ न्यू हैवन का सीबीएस, कनाडा में 50% की 800,000 एकड़ के जंगलात (टिंबरलैंड) में हिस्सेदारी, और वहीं पर 200,000-टन-प्रति-वर्ष की मिल थी, साथ ही इंटरनेशनल हेराल्ड ट्रिब्यून में एक तिहाई हिस्सेदारी, और इसके अलावा भी संपत्तियां थीं जो अब मुझे याद नहीं है। अगर आप उस वक़्त के किसी भी एनेलिस्ट या मीडिया स्पेशलिस्ट से पूछते कि ये सारी संपत्ति कितने की है, सबकुछ जोड़ने के बाद, तो उनका आंकड़ा $40, $50, $60 करोड़ होता।

अब आप हिसाब लगाते हैं और कंपनी की वैल्यू $40 करोड़ तय करते हैं, और कंपनी मार्केट में बिक रही है $40 करोड़ में, ये फिर भी समझ में आता है, हालांकि पैसों के लिहाज़ से फिर भी इसका कोई मतलब नहीं बनता। मगर आप अगर ये कहते कि ये $40 करोड़ है और ये $8 करोड़ में बिक रही है, तो ये बात काफ़ी चौंकाने वाली होती। ऐसी स्थिति में यही लगता है कि या तो इसे चलाने वाले लोग बेहद अयोग्य हैं कि वो $40 करोड़ बर्बाद करने वाले हैं, या वो लोग ठग हैं। या फिर आपके हाथ एक बेहद शानदार मौक़ा लग जाए जिसमें एक डॉलर का नोट आपको 20 सेंट्स में मिले। और हां, वो $40 करोड़, आठ या दस साल के भीतर, उतनी ही संपत्तियों के साथ, (अब उनकी क़ीमत) $3 या $4 अरब है।

पर आप कहेंगे 'मैं वॉशिंग्टन पोस्ट की वैल्यू कैसे पता करूं ये मुझे नहीं पता'। वॉशिंग्टन पोस्ट की वैल्यू पता लगाना कोई मुश्किल काम नहीं है। आप ये आसानी से पता कर सकते हैं कि न्यूज़पेपर और टीवी स्टेशन कितने में बिकते हैं। अगर आपकी तय की हुई रक़म $400 बैठती है और वो $390, में बिक रहा है तो क्या फ़ायदा? आप (इतनी छोटे सेफ़्टी मार्जिन पर) नहीं ख़रीद सकते। अगर आपकी रेंज $300 से $500 है, और ये $80 पर बिक रहा है तो आपको इससे ज़्यादा और क्या चाहिए।

मैं चार्टिस्ट था (चार्ट बनाने वाला) मुझे इस तरह का काम बहुत पसंद था। चार्ट मेरे कानों से निकल रहे होते थे। मगर फिर, अचानक एक आदमी मुझे समझाता है कि ये सब करने की ज़रूरत नहीं है, बस वो ख़रीदो जो अपनी क़ीमत से कम में मिल रहा हो।
एमबीए स्टूडेंट्स के लिए लेक्चर, 1991

आपको इंट्रिंसिक वैल्यू तक पहुंचना ही होगा!
इंट्रिंसिक वैल्यू की सबसे सरल परिभाषा खुद बफ़ेट ने ही बताई है। ये, "कैश की डिस्काउंटेड वैल्यू है जो बिज़नस की आगे की पूरी लाइफ़ के दौरान उससे मिल सकती है" ये परिभाषा अपने आप में जादुई पिटारा खोलने जैसा है। ये अंदाज़ा लगाना कि एक बिज़नस अपनी बाक़ी की लाइफ़ में कितना कैश पैदा कर सकता है, चकरा देने वाली बात है। मगर मुश्किल (जिसके बारे में नीचे विस्तार से बात की गई है) होने के बावजूद आप ये कर लेते हैं, तो उसके बाद का उलझन ये रहती है कि इसकी किस रेट पर डिस्काउंटिंग की जाए?

पहला निर्णय जो आपको करना होगा वो अवसर-लागत (ऑपर्चुनिटी कॉस्ट) तय करने का है। स्टॉक का चुनाव करते हुए ऑपर्चुनिटी कॉस्ट के कॉन्सेप्ट का रोल आता है। इसे इस तरह समझा जा सकता है कि आपके हर निवेश के निर्णय की एक क़ीमत होती है, ये कॉस्ट होती है उन विकल्पों की जिन्हें आप छोड़ देते हैं। बफ़ेट इस अहम पहलू को कभी नहीं भूलते हैं। " हम सबसे पहला सवाल अपने-आप से पूछते हैं: क्या हम और ज़्यादा कोका-कोला या और ज़्यादा जिलेट लेने के बजाए इस बिज़नस को लेना चाहेंगे? हम ऐसी कंपनियां चाहेंगे जहां ये बात इतनी पक्की हो जाए, या हमें ये समझ आ जाए कि हमारे लिए और कोक ख़रीदना ही बेहतर होगा। अगर हर मैनेजमेंट, बिज़नस ख़रीदने के पहले, कहे, 'क्या ये हमारे अपने स्टॉक को ख़रीदने से बेहतर होगा या कोका-कोला स्टॉक ख़रीदने से भी बेहतर', तो जितनी डील हो रही हैं उससे कहीं कम होंगी। हम उससे तुलना करने की कोशिश करते हैं जो इस पर्फ़ेक्शन के जितना क़रीब हो सके।"

इंट्रिसिक वैल्यू निकालने के डीसीएफ़ (DCF) अनालेसिस के तरीक़े की भी अपनी मुश्किलें हैं। भविष्य के कैश फ़्लो का अंदाज़ा लगाने के लिए DCF अनालेसिस के तरीक़े की सबसे ज़्यादा आलोचना होती है। कंपनी किस रेट पर भविष्य में बढ़ेगी ये अंदाज़ा लगाना बहुत मुश्किल है। अब तक का सबसे ज़्यादा ग्रोथ रेट, भविष्य में कंपनी के उसी दर से बढ़ते रहने की कोई गारंटी नहीं होता। मगर, विश्लेषण करने वाले फिर भी इसी ग्रोथ के नंबर को स्टॉक की अगले पांच साल की वैल्यू का अंदाज़ा लगाने के लिए इस्तेमाल करते हैं। ये उनका तरीक़ा होता है बताने का कि वो जानते हैं कि भविष्य में बिज़नस कैसा होगा।

बफ़ेट इसके लिए आसान तरीक़ा बताते हैं, "मान लीजिए कि आप एक खेत ख़रीदना चाहते हैं और इसके लिए आप हिसाब लगाते हैं, कि खेती से आप हर एकड़ पर $70 कमा सकते हैं। तो इसके लिए (खेत खरीदने के लिए प्रति एकड़) आप कितना पैसा देंगे? क्या आपको लगता है कि आपकी खेती आने वाले वक़्त में बेहतर उपज कर पाएगी? क्या आपको लगता है कि उपज का मूल्य आने वाले वक़्त में ज़्यादा हो जाएगा? अगर आप ये तय करते हैं कि आपको 7 प्रतशित का रिटर्न चाहिए, तो इसके लिए आप $1,00,000/एकड़ देंगे। अगर ये $80,000 में मिल जाता है तो आप इसे ख़रीदेंगे, पर अगर ये $1,20,000 में है तो आप नहीं ख़रीदेंगे।"

इंट्रिंसिक वैल्यू को देखने का एक और तरीक़ा है। "अगर आप मैकडॉनल्ड स्टैंड के लिए $9 लाख या $13 लाख देने का सोच रहे थे, तो आप इस बारे में भी विचार करेंगे कि क्या लोग हैमबर्गर खाना जारी रखेंगे और क्या मैकडॉनल्ड वाले फ़्रैंचाइज़ी का अग्रीमेंट बदल सकते हैं। आपको ये जानना होगा कि आप क्या करने वाले हैं और क्या आप अपनी जानकारी के दायरे में काम कर रहे हैं या नहीं।"
ये स्टोरी पहली बार जून 2015 में प्रकाशित हुई थी।


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