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Aditya Birla Sun Life Conglomerate Fund NFO: आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ कॉन्ग्लोमेरेट फ़ंड NFO 5 दिसंबर, 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुला था और 19 दिसंबर, 2024 तक पब्लिक के लिए उपलब्ध रहेगा.
ये स्कीम ख़ासतौर पर भारत के बड़े प्रमोटरों की अगुआई वाले समूहों पर ध्यान केंद्रित करेगी. ये कॉन्ग्लोमेरेट, भारत में मौजूद प्रमोटरों की अगुआई वाले समूह हैं, जिनकी कम-से-कम दो लिस्टिड कंपनियां अलग-अलग उद्योगों में काम करती हैं. टाटा ग्रुप, रिलायंस, अडानी, बजाज और आदित्य बिड़ला ग्रुप ऐसे ही कुछ समूहों के उदाहरण हैं.
यहां इस बारे में विस्तार से बताया जा रहा है कि ये फ़ंड आपको क्या ऑफ़र करता है और क्या ये आपके निवेश के लक्ष्यों से मेल खाता है.
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ कॉन्ग्लोमेरेट फ़ंड NFO: एक नज़र
फ़ीचर | डिटेल |
---|---|
फ़ंड का नाम | आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ कॉन्ग्लोमेरेट फ़ंड NFO |
टाइप | एक्टिवली मैनेज्ड थीमैटिक इक्विटी स्कीम |
बेंचमार्क | BSE सेलेक्ट बिज़नस ग्रुप्स इंडेक्स |
एग्ज़िट लोड | 90 दिनों के भीतर रिडीम करने पर NAV का 0.50%; 90 दिनों के बाद शून्य |
फ़ंड मैनेजर | हरीश कृष्णन और कुणाल सांगोई |
टैक्सेशन | अगर एक साल बाद बेचा जाए तो ₹1.25 लाख से ज़्यादा के फ़ायदे पर 12.5% टैक्स लगेगा. अगर एक साल के भीतर बेचा जाए तो 20% टैक्स लगेगा. |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ कॉन्ग्लोमेरेट फ़ंड NFO: निवेश की रणनीति
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ कॉन्ग्लोमेरेट फ़ंड का निवेश 22 सेक्टरों में फैला हुआ है. स्कीम डॉक्यूमेंट के मुताबिक़, ये 36 लार्ज कैप, 30 मिड कैप और 103 स्मॉल-कैप कंपनियों में से स्टॉक चुन सकता है.
हालांकि, ये किसी एक ग्रुप में निवेशकों के पैसे का 25 फ़ीसदी से ज़्यादा निवेश नहीं करेगा. इस तरह, फ़ंड रिस्क कम करने के लिए कम-से-कम चार समूहों में निवेश करेगा.
कैसा हो सकता है परफ़ॉर्मेंस
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ कॉन्ग्लोमेरेट फ़ंड एक एक्टिवली मैनेज्ड थीमैटिक फ़ंड है जिसका कोई सीधा प्रतिद्वंद्वी नहीं है. ये अपनी तरह का पहला फ़ंड है.
फंड का रिटर्न फ़ंड मैनेजर की रणनीति पर अमल करने की क्षमता पर निर्भर करेगा. भले ही, फ़ंड के प्रदर्शन के बारे में अनुमान लगाना असंभव है, लेकिन हम इसके बेंचमार्क, BSE सेलेक्ट बिज़नस ग्रुप्स इंडेक्स से संकेत ले सकते हैं.
बेंचमार्क ने पिछले पांच साल में 27.7 फ़ीसदी और पिछले 10 साल में 17.7 फ़ीसदी का सालाना रिटर्न दिया है, जो अतीत के डेटा (backtested data) पर आधारित है. ये आंकड़े समूहों की ऐतिहासिक क्षमता की एक झलक देते हैं. हालांकि, चूंकि ये पिछला डेटा है, इसलिए ज़रूरी नहीं कि ये फ़ंड के भविष्य के प्रदर्शन को दिखाए.
वर्तमान में, BSE सेलेक्ट बिज़नस ग्रुप्स इंडेक्स रिलायंस इंडस्ट्रीज़ (पिछले पांच साल में 11% सालाना रिटर्न), महिंद्रा एंड महिंद्रा (42%), TCS (16.4%) और अल्ट्राटेक सीमेंट (23.6%) जैसी दिग्गज कंपनियों पर काफ़ी हद तक निर्भर है.
भले ही, ये कंपनियां भी ABSL कॉन्ग्लोमरेट फ़ंड के पोर्टफ़ोलियो का हिस्सा हो सकती हैं, लेकिन उनकी मौजूदगी ज़्यादा नहीं हो सकती, क्योंकि फ़ंड का लक्ष्य बड़े स्तर पर डायवर्सिफ़िकेशन करना है.
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फ़ंड मैनेजर का ट्रैक रिकॉर्ड
इस फ़ंड का प्रबंधन हरीश कृष्णन और कुणाल संगोई द्वारा किया जाएगा. दोनों ही इक्विटी मार्केट्स के एक्सपर्ट्स और ख़ासे अनुभवी पेशेवर हैं.
कृष्णन घरेलू और इंटरनेशनल इक्विटी के प्रबंधन में 20 से ज़्यादा साल का अनुभव रखते हैं, जबकि संगोई को इक्विटी रिसर्च और पोर्टफ़ोलियो प्रबंधन में 18 साल का अनुभव है. वे दोनों आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ म्यूचुअल फ़ंड में कई प्रमुख फ़ंड्स का प्रबंधन कर रहे हैं.
परफ़ॉर्मेंस रिपोर्ट
स्कीम | प्रबंधन कब से | फ़ंड का रिटर्न (% में) | कैटेगरी रैंक | फ़ंड मैनेजर |
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आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ डिजिटल इंडिया फ़ंड | जनवरी, 2014 | 20.45 | 1/4 | कुणाल संगोई |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ फ़ोकस्ड फ़ंड | जुलाई, 2021 | 19.34 | 39/61 | कुणाल संगोई |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ प्योर वैल्यू फ़ंड | सितंबर, 2022 | 31.55 | 7/24 | कुणाल संगोई |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ बिज़नस साइकल फ़ंड | नवंबर, 2023 | 34.29 | 38/49 | हरीश कृष्णन |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ मैन्युफ़ैक्चरिंग इक्विटी फ़ंड | नवंबर, 2023 | 44.81 | 10/49 | हरीश कृष्णन |
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ फ़्लेक्सी कैप फ़ंड | नवंबर, 2023 | 35.39 | 20/37 | हरीश कृष्णन |
नोट: 9 दिसंबर 2024 तक केवल एक वर्ष से ज़्यादा समय तक प्रबंधित एक्टिवली मैनेज्ड फ़ंड्स पर ही विचार किया गया है. |
हमारी राय
आदित्य बिड़ला सन लाइफ़ कॉन्ग्लोमेरेट फ़ंड भारत के प्रमुख कारोबारी घरानों में निवेश करने का मौक़ा देता है. इसका फ़ोकस्ड नज़रिया आशावादी निवेशकों को आकर्षित कर सकता है जो दमदार ग्रोथ की क्षमता वाले प्रमोटरों की अगुआई वाले समूहों में निवेश करना चाहते हैं. हालांकि, इस तरह के थीमैटिक फ़ंड तमाम रिस्क के साथ आते हैं.
ज़्यादातर निवेशकों के लिए, फ़्लेक्सी-कैप या मल्टी-कैप फ़ंड बेहतर विकल्प हो सकते हैं, जो सरल स्ट्रक्चर, दमदार ट्रैक रिकॉर्ड और समूहों में अच्छा निवेश प्रदान करते हैं. औसतन, अडानी, आदित्य बिड़ला, बजाज, गोदरेज, रिलायंस और टाटा जैसे समूहों में उनका निवेश लगभग 16 फ़ीसदी है.
हालांकि, अगर आपको कॉन्ग्लोमेरेट केंद्रित फ़ंड्स पर पक्का भरोसा है, तो आप अपने पोर्टफ़ोलियो का एक छोटा हिस्सा ABSL कॉन्ग्लोमेरेट फ़ंड जैसे थीमैटिक फ़ंड्स में एलोकेट कर सकते हैं.
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