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Afcons Infrastructure IPO: एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर का IPO (इनिशियल पब्लिक ऑफ़रिंग) 25 अक्तूबर 2024 को सब्सक्रिप्शन के लिए खुल गया. इसकी आख़िरी तारीख़ 29 अक्तूबर 2024 है.
निवेश का फ़ैसला लेने में निवेशकों की मदद के लिए, यहां हम इस कंस्ट्रक्शन कंपनी की ताक़त, कमज़ोरियों और ग्रोथ की संभावनाओं के बारे में बता रहे हैं.
Afcons Infrastructure IPO: संक्षेप में
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क्वालिटी:
FY2022 और 2024 के बीच,कंपनी ने लगभग 14 और 19 फ़ीसदी का एवरेज
रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) और रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE)
दर्ज़ किया.
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ग्रोथ:
FY22-24 के दौरान, कंपनी का रेवेन्यू और नेट प्रॉफ़िट क्रमशः 10 और 12 फ़ीसदी सालाना बढ़ा.
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वैल्यूएशन:
कंपनी का स्टॉक क्रमशः 38 और 4 गुना के
P/E (प्राइस -टू-अर्निंग रेशियो)
और
P/B (प्राइस-टू-बुक रेशियो)
पर कारोबार करेगा.
- मार्केट में कंपनी की स्थिति: एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर की तकनीकी विशेषज्ञता के साथ-साथ बढ़ते capex और इंफ़्रास्ट्रक्चर प्रॉजेक्ट की ग्रोथ से कंपनी को अपने कारोबार को बढ़ाने में मदद मिलेगी. हालांकि, सरकारी इंफ़्रा स्पेंडिंग पर भारी निर्भरता और इसके कैपिटल-इंटेंसिव कारोबार से ग्रोथ के लिए जोख़िम पैदा हो सकता है.
Afcons Infrastructure के बारे में
Shapoorji Pallonji Group की ये कंपनी भारत और विदेशों में ऑपरेशन चलाने वाली एक इंजीनियरिंग, प्रोक्योरमेंट, और कंस्ट्रक्शन (EPC) प्लेयर है. अपने 50 से ज़्यादा साल के इतिहास में, कंपनी ने 17 अलग-अलग देशों में 79 प्रॉजेक्ट को सफलतापूर्वक पूरा किया है. ये इस समय 60 से ज़्यादा प्रॉजेक्ट पर काम कर रही है और जून 2024 तक इसकी ऑर्डर बुक ₹31,747 करोड़ की थी.
ताक़त
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मज़बूत ट्रैक रिकॉर्ड:
एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर के पास बड़े पैमाने पर कठिन प्रोजेक्ट को समय पर पूरा करने का एक शानदार ट्रैक रिकॉर्ड है. इसने रेलवे, मरीन और हाईवे जैसे कई वर्टिकल में कई प्रोजेक्ट शुरू किए हैं.
- ग्राहकों के साथ जुड़ाव: एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर ने अपने कई ग्राहकों के साथ काफ़ी पहले से संबंध बनाए रखे हैं, और उनके लिए कई प्रोजेक्ट पर काम किया है. IHI कॉर्पोरेशन और रिलायंस इंडस्ट्रीज़ के साथ इसका जुड़ाव 15 साल से ज़्यादा समय तक रहा है.
कमज़ोरियां
- सरकारी स्पेंडिंग पर निर्भरता: जून 2024 तक कंपनी के लगभग 70 फ़ीसदी ऑर्डर सरकारी कॉन्ट्रैक्ट (भारत और विदेशों में) थे. सरकारी capex में बड़ी गिरावट या नीतियों में बदलाव से कंपनी के रेवेन्यू पर असर पड़ सकता है.
Afcons Infrastructure IPO की डिटेल
IPO का कुल साइज़ (करोड़ ₹) | 5,430 |
ऑफर फॉर सेल (करोड़ ₹) | 4,180 |
नए इशू (करोड़ ₹) | 1,250 |
प्राइस बैंड (₹) | 440 - 463 |
सब्सक्रिप्शन की तारीख़ | 25, 28, 29 अक्तूबर 2024 |
उद्देश्य | कैपिटल एक्सपेंडिचर की फ़ंडिंग, वर्किंग कैपिटल ज़रूरतें और क़र्ज़ चुकाना |
IPO के बाद
मार्केट कैप (करोड़ ₹) | 17,026 |
नेट वर्थ (करोड़ ₹) | 4,912 |
प्रमोटर होल्डिंग (%) | 67.2 |
प्राइस/अर्निंग रेशियो (P/E) | 37.8 |
प्राइस/बुक रेशियो (P/B) | 3.5 |
फ़ाइनेंशियल हिस्ट्री
फ़ाइनेंशियल्स (करोड़ ₹) | 2 साल का CAGR (%) | जून 2024 को ख़त्म हुए 12 महीने | FY24 | FY23 | FY22 |
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रेवेन्यू | 9.7 | 13,250 | 13,267 | 12,637 | 11,019 |
EBIT | 22.4 | 900 | 871 | 839 | 581 |
PAT | 12 | 451 | 450 | 411 | 358 |
नेट वर्थ | 3,213 | 3,575 | 3,155 | 2,691 | |
कुल डेट | 3,454 | 2,523 | 1,612 | 1,623 | |
EBIT-- अर्निंग बिफ़ोर इंटरेस्ट एंड टैक्स
PAT -- प्रॉफ़िट आफ्टर टैक्स |
प्रमुख रेशियो
रेशियो | 3 साल का औसत | Q1 FY25 | FY24 | FY23 | FY22 |
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ROE (%) | 13.8 | 10.6 | 13.3 | 14.0 | 14.0 |
ROCE (%) | 19.2 | 14.9 | 20.2 | 20.0 | 17.3 |
EBIT मार्जिन (%) | 5.8 | 7.1 | 6.6 | 6.6 | 5.3 |
डेट-टू-इक्विटी | 0.6 | 1.1 | 0.7 | 0.5 | 0.6 |
ROE -- रिटर्न ऑन इक्विटी ROCE -- रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड |
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Afcons Infrastructure की रिस्क रिपोर्ट
कंपनी और बिज़नस
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क्या पिछले 12 महीनों में एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर की टैक्स के पहले की कमाई (profit before tax) ₹50 करोड़ से ज़्यादा है?
हां. कंपनी ने जून 2024 को ख़त्म हुए 12 महीनों में ₹680 करोड़ की 'टैक्स के पहले की कमाई' दर्ज़ की.
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क्या कंपनी अपना बिज़नस बढ़ा पाएगी?
हां. भारत और बाक़ी विकासशील अर्थव्यवस्थाओं में इंफ़्रास्ट्रक्चर के विकास पर बढ़ते ख़र्च से, कंपनी को अपना कारोबार बढ़ाने में मदद मिलेगी.
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क्या एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर का कस्टमर बेस काफ़ी वफ़ादार है और क्या ये कंपनी किसी जाने-माने ब्रांड से जुड़ी है?
हां. कंपनी को अपनी पैरेंट कंपनी Shapoorji Pallonji Group की अच्छी ब्रांड रिकॉल से फ़ायदा मिलता है. इसने अपने कई ग्राहकों के साथ लंबे समय से संबंध भी बनाए रखे हैं.
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क्या कंपनी के पास कॉम्पिटेटिव एडवांटेज़ है?
नहीं. ये एक प्रतिस्पर्धी इंडस्ट्री में काम करती है, और ये बाक़ी खिलाड़ियों अलग भी नहीं है.
एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर का मैनेजमेंट
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क्या कंपनी के संस्थापकों में से किसी के पास अभी भी कंपनी में कम से कम 5 फ़ीसदी हिस्सेदारी है? या क्या प्रमोटरों के पास कंपनी में 25 फ़ीसदी से ज़्यादा हिस्सेदारी है?
हां. IPO के बाद, प्रमोटरों की हिस्सेदारी 67.2 फ़ीसदी तक हो जाएगी.
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क्या टॉप 3 मैनजरों के पास कंपनी में काम करते हुए कुल मिलाकर 15 साल से ज़्यादा का लीडरशिप अनुभव है?
हां. टॉप 2 एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर 2002 से कंपनी के साथ जुड़े हुए हैं.
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क्या मैनेजमेंट पर भरोसा किया जा सकता है? क्या कंपनी SEBI दिशानिर्देशों के तहत साफ़-सुथरी रिपोर्ट जारी करती है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर की अकाउंटिंग पॉलिसी ठीक है?
हां. कोई नेगेटिव जानकारी उपलब्ध नहीं है.
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क्या कंपनी प्रमोटरों के शेयर गिरवी होने मुक्त है?
हां. कोई शेयर गिरवी नहीं रखे हैं.
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एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर के फ़ाइनेंशियल
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क्या कंपनी का वर्तमान और तीन साल का औसत रिटर्न ऑन इक्विटी (ROE) 15 फ़ीसदी से ज़्यादा और औसत रिटर्न ऑन कैपिटल एम्प्लॉयड (ROCE) 18 फ़ीसदी से ज़्यादा है?
नहीं. इसका तीन साल का औसत ROE और ROCE क्रमशः 14 और 19 फ़ीसदी है. FY2024 में, इसका ROE और ROCE क्रमशः 13 और 20 फ़ीसदी के क़रीब रहा है.
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क्या पिछले तीन साल के दौरान कंपनी का ऑपरेटिंग कैश फ़्लो पॉज़िटिव रहा है?
हां. इसने पिछले तीन साल के दौरान पॉज़िटिव ऑपरेटिंग कैश फ़्लो दर्ज किया.
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क्या कंपनी का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 1 से कम है?
हां. जून 2024 तक एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर का नेट डेट-टू-इक्विटी रेशियो 0.8 था.
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क्या कंपनी रोज़मर्रा के कामों के लिए बड़ी वर्किंग कैपिटल पर निर्भरता से मुक्त है?
नहीं. कंस्ट्रक्शन बिज़नस को वर्किंग कैपिटल में भारी निवेश करने की ज़रूरत पड़ती है, और एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर के मामले में भी यही होगा.
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क्या कंपनी अगले तीन साल में बाहरी फ़ंडिंग पर निर्भर हुए बिना अपना बिज़नस चला सकती है?
नहीं. कंस्ट्रक्शन बिज़नस में क़र्ज़/पैसा जुटाना आम बात है. कंपनी ने हाल ही में ₹900 करोड़ से ज़्यादा का क़र्ज़ जुटाया है. IPO की राशि के बावज़ूद, इसकी वर्किंग कैपिटल ज़रूरत ज़्यादा रहेगी और इसे और ज़्यादा पैसा जुटाना पड़ सकता है.
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क्या कंपनी बड़ी आकस्मिक देनदारी से मुक्त है?
नहीं. जून 2024 तक, कंपनी की आकस्मिक देनदारियां इसकी नेट वर्थ के प्रतिशत के रूप में 48 फ़ीसदी थीं.
एफकॉन्स इंफ़्रास्ट्रक्चर का वैल्यूएशन
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क्या स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 8 फ़ीसदी से ज़्यादा की ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देता है?
नहीं. लिस्ट होने के बाद, ये स्टॉक अपनी एंटरप्राइज़ वैल्यू पर 4.6 फ़ीसदी ऑपरेटिंग अर्निंग यील्ड देगा.
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क्या स्टॉक का प्राइस-टू-अर्निंग रेशियो अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत से कम है?
हां. लिस्ट होने के बाद ये स्टॉक 37.8 गुना P/E पर कारोबार करेगा, जबकि इसके साथियों का औसत स्तर 39.4 गुना है.
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क्या स्टॉक की प्राइस-टू-बुक वैल्यू अपनी जैसी दूसरी कंपनियों के औसत स्तर से कम है?
हां. लिस्ट होने के बाद ये स्टॉक 3.5 गुना P/B पर कारोबार करेगा, जबकि इसके साथियों का औसत स्तर 4.1 गुना है.
डिस्क्लेमर: ये निवेश का सुझाव नहीं है. निवेश करने से पहले ज़रूरी जांच-पड़ताल ज़रूर करें.
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