बड़े सवाल

Nifty 50 vs Nifty 500: कहां करें निवेश?

यहां ये भी जानिए कि इन दोनों इंडेक्स के बीच क्या फ़र्क़ है

Nifty 50 vs Nifty 500: कहां करें निवेश?AI-generated image

हमारे एक एक पाठक ने हमसे जानना चाहा कि क्या अगर इंडेक्स फ़ंड में निवेश करना हो तो क्या बेहतर होगा, निफ़्टी 50 को ट्रैक करने वाला इंडेक्स फ़ंड या निफ़्टी 500 को ट्रैक करने वाला फ़ंड.

मगर इससे पहले कि हम अपनी राय आपसे शेयर करें, आइए जल्दी से एक नज़र डालते हैं कि इन दोनों इंडेक्स के बीच फ़र्क़ क्या हैं.

निफ़्टी 50 निफ़्टी 500
जो कंपनियां इनमें शामिल हैं... 50 सबसे ज़्यादा वैल्यू वाली कंपनियां 500 सबसे ज़्यादा वैल्यू वाली कंपनियां
ये कहां निवेश करते हैं 50 लार्ज-कैप कंपनियां 100 लार्ज-कैप + 150 मिड-कैप + 250 स्मॉल-कैप
10 टॉप कंपनियों की अहमियत 55.87 प्रतिशत वेटेज 32.51 प्रतिशत वेटेज
क्यों? टॉप 10 की वेटेज ज़्यादा है क्योंकि ऐसी सिर्फ़ 50 कंपनियां हैं वेटेज कम होता है क्योंकि इसमें 500 कंपनियां शामिल हैं
1. HDFC बैंक
2. रिलायंस
3. ICICI बैंक
4. इंफ़ोसेस
5. ITC
10 टॉप कंपनियों के नाम 6. TCS (टाटा कंसल्टेंसी) वही जो निफ़्टी 50 के हैं
7. L&T
8. भारती एयरटेल
9. एक्सिस बैंक
10. SBI
कितने सेक्टर में ये निवेश करते हैं 13 21
सबसे ज़्यादा ओवरवेट सेक्टर फ़ाइनेंशियल सर्विस (32.6 प्रतिशत वेट) फ़ाइनेंशियल सर्विस (27.6 प्रतिशत वेट)
परफ़ॉर्मेंस (10-साल के रोलिंग रिटर्न) 12.27 प्रतिशत* 12.69 प्रतिशत*
30 अगस्त 2024 तक की NSE फ़ैक्टशीट

*परफ़ॉर्मेंस

हेडलाइन नंबर देखेंगे तो पता चलेगा कि निफ़्टी 500 थोड़ा सा आगे रहा है.

पर तीन बातें हैं जिनका आपको ध्यान रखना चाहिए:

1. कोविड के बाद मिड और स्मॉल कैप की शानदार रैली की वजह से निफ़्टी 500 TRI निफ़्टी 50 से थोड़ा आगे है. ये देखते हुए कि निफ्टी 50 में केवल लार्ज कैप ही हैं, वे इस तेज़ी से चूक गए. जो दिलचस्पी रखते हैं उनके लिए, लार्ज-कैप इंडेक्स ने 1 जनवरी, 2021 से 16 सितंबर, 2024 तक 19.77 प्रतिशत सालाना रिटर्न दिया. इसके उलट, मिड-कैप इंडेक्स में 33.03 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई, जबकि इसी दौरान स्मॉल कैप में 35.85 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई.

2. हालांकि निफ़्टी 500 ने पिछले एक दशक में दैनिक 10-साल के रिटर्न के आधार पर 70 प्रतिशत समय बेहतर प्रदर्शन किया है, लेकिन दोनों के बीच लंबे समय के प्रदर्शन का फ़र्क़ न के बराबर है. इसका एक कारण ये है कि निफ़्टी 500 के पोर्टफ़ोलियो का क़रीब 60 प्रतिशत हिस्सा निफ़्टी 50 के जैसा ही है.

3. मार्केट में मंदी के दौरान निफ़्टी 50 ने थोड़ा बेहतर प्रदर्शन किया है. 10 साल के रोलिंग रिटर्न के आधार पर, उनका सबसे कम रिटर्न 5.13 प्रतिशत रहा, जबकि निफ़्टी 500 का रिटर्न 5.05 प्रतिशत रहा. क्यों? चूंकि निफ़्टी 50 में केवल लार्ज कैप ही शामिल हैं, इसलिए वे आमतौर पर किसी भी मंदी के दौरान मिड और स्मॉल कैप के मुक़ाबले कम गिरते हैं.

आप दोनों इंडेक्स फ़ंड्स में से कौन सा चुनें

चूंकि दोनों इंडेक्स का लंबे समय में प्रदर्शन काफ़ी हद तक एक जैसा है, इसलिए ये तय करने का तरीक़ा यहां बताया गया है कि कौन सा आपके लिए सही है:

अगर निफ़्टी 500 फ़ंड चुनते हैं:

a) आप सबसे बड़ी कंपनियों से परे देखना चाहते हैं और मीडियम और छोटी कंपनियों में कुछ निवेश करना चाहते हैं
b) आपके पास कम से कम सात साल तक निवेश करने का समय है
c) आप थोड़ा ज़्यादा रिस्क लेने से परहेज़ नहीं करते हैं, क्योंकि मीडियम और छोटी कंपनियों में कम समय में उतार-चढ़ाव ज़्यादा हो सकते हैं

अगर निफ़्टी 50 फ़ंड में निवेश करते हैं:

a) आप अपेक्षाकृत अधिक रिस्क लेने से बचते हैं
b) आप केवल टॉप-टियर वाली, अच्छी तरह से स्थापित कंपनियों में निवेश करना चाहते हैं

ये भी पढ़िए - इंडेक्स फ़ंड का सही इस्तेमाल कैसे करें?


टॉप पिक

Swiggy IPO: क्या निवेश करना सही है?

पढ़ने का समय 6 मिनटSatyajit Sen

Sagility India IPO: क्या आपके लिए निवेश का मौक़ा है?

पढ़ने का समय 5 मिनटAbhinav Goel

मल्टी-एसेट फ़ंड्स 101: इससे जुड़ी हर बात जानिए

पढ़ने का समय 4 मिनटPranit Mathur

ACME Solar Holdings IPO: क्या आपके लिए निवेश का मौक़ा है?

पढ़ने का समय 5 मिनटShubham Dilawari

क्या बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड मार्केट की गिरावट में सुरक्षित रहते हैं?

पढ़ने का समय 1 मिनटवैल्यू रिसर्च

म्यूचुअल फंड पॉडकास्ट

updateनए एपिसोड हर शुक्रवार

Invest in NPS

AI तो है, पर AI नहीं

ऑटोमेटेड, मशीन से मिलने वाली फ़ाइनेंस पर सलाह कैसी होनी चाहिए.

दूसरी कैटेगरी