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मैंने पिछले तीन साल में अपने इक्विटी निवेश पर अच्छा ख़ासा रिटर्न हासिल किया है. क्या अब इस पैसे को लिक्विड फ़ंड में निवेश करके प्रॉफ़िट बुक कर लेना चाहिए? - एक पाठक
आपको अपने इक्विटी निवेश को लिक्विड फ़ंड में बदलना चाहिए या नहीं, ये इस बात पर निर्भर करता है कि आपको पैसे की ज़रूरत कब होगी. अगर आपको निकट भविष्य में, यानी अगले 6-12 महीनों के भीतर इसकी ज़रूरत है, तो इक्विटी फ़ंड से निकाल कर, कुछ प्रॉफ़िट बुक करना, और पैसे को लिक्विड फ़ंड में निवेश करना समझदारी हो सकती है.
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इसके अलावा केवल दो और परिस्थितियों में आपको इक्विटी फ़ंड से बाहर निकलना चाहिए, ये वजह नीचे दी गई हैं:
- अगर आपने अपने फ़ाइनेंशियल गोल्स में से किसी एक को हासिल कर लिया है या हासिल करने के बहुत क़रीब हैं.
- जिस इक्विटी फ़ंड में निवेश किया है, वो कम से कम तीन साल से लगातार अपने जैसे दूसरे फ़ंड्स और अपनी कैटेगरी में कमतर प्रदर्शन कर रहा है. मगर, फ़ंड के एक या दो साल के प्रदर्शन को न देखें, क्योंकि शॉर्ट टर्म के रिटर्न भ्रामक हो सकते हैं.
हालांकि, अगर आपको कम से कम पांच साल तक पैसे की ज़रूरत नहीं है, तो इक्विटी फ़ंड में निवेश बनाए रखना सबसे अच्छा हो सकता है. ऐसा इसलिए, क्योंकि अभी अपने निवेश से बाहर होने पर लंबे समय के दौरान वेल्थ तैयार करने में बाधा आ सकती है.
इसके अलावा, चूंकि बाज़ार की चाल का सटीक अनुमान लगाना संभव नहीं है, इसलिए मौजूदा बाज़ार की स्थितियों की परवाह किए बिना अपने पैसे का निवेश इक्विटी में बनाए रखना समझदारी है.
इसके बजाय, एक एसेट एलोकेशन प्लान बनाने पर ध्यान दीजिए जो नियमित रूप से आपके निवेश को रिबैलेंस करने में आपकी मदद करता है. मुनाफ़ा कमाने का यही एकमात्र व्यवस्थित तरीक़ा है.
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