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Passive Hybrid Funds: जल्द शुरू होने वाले हैं?

सेबी ने तीन पैसिव हाइब्रिड कैटेगरी शुरू करने का प्रस्ताव दिया है. इसमें नए खिलाड़ियों के प्रवेश को आसान करने पर भी विचार किया जा रहा है.

Passive Hybrid Funds: जल्द शुरू होने वाले हैं?

मार्केट रेग्युलेटर भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) का इरादा नए खिलाड़ियों के लिए म्यूचुअल फ़ंड क्षेत्र में प्रवेश करना और पैसिव फ़ंड लॉन्च करना आसान बनाना है. (पैसिव फ़ंड सेंसेक्स या निफ़्टी जैसे इंडेक्स की नकल करते हैं).

SEBI ने 1 जुलाई 2024 को म्यूचुअल फ़ंड लाइट रेग्युलेशन (Mutual Fund Lite Regulations) पेश करने के लिए एक परामर्श पत्र जारी किया. हालांकि ये फ़िलहाल एक परामर्श पत्र है, जिस पर पब्लिक 22 जुलाई 2024 तक रेग्युलेटर को अपनी राय दे सकती है. तो आइए, SEBI के पेश किए गए कुछ प्रस्तावों पर नज़र डालते हैं.

हाइब्रिड ETF/इंडेक्स फ़ंड की शुरुआत

फ़िलहाल, पैसिव फ़ंड केवल डेट या इक्विटी इंडेक्स (debt or equity index) की नकल कर सकते हैं. हालांकि, मौजूदा प्रस्ताव में हाइब्रिड पैसिव फ़ंड लॉन्च करने की बात कही गई है. ये फ़ंड, इक्विटी और डेट वाले मिलेजुले इंडेक्स को ट्रैक करेंगे.

शुरुआत में, SEBI हाइब्रिड पैसिव फ़ंड की केवल तीन कैटेगरी को अनुमति देने की योजना बना रहा है:

  • डेट केंद्रित पैसिव फ़ंड (इक्विटी में 25 फ़ीसदी; डेट में 75 फ़ीसदी पैसा)
  • बैलेंस्ड पैसिव फ़ंड (इक्विटी और डेट में 50-50)
  • इक्विटी केंद्रित पैसिव फ़ंड (इक्विटी और डेट में 75-25)

कुछ दूसरी अहम बातें

  • एक फ़ंड हाउस हर एक कैटेगरी में एक फ़ंड लॉन्च कर सकता है.
  • इसके लिए, डेट इंडिक्स (debt indices) कॉन्स्टेंट ड्यूरेशन इंडिक्स होंगे. इन इंडिक्स को म्यूचुअल फ़ंड डिस्ट्रीब्यूटरों के लिए लाइसेंसिंग बॉडी AMFI (एसोसिएशन ऑफ़ म्यूचुअल फ़ंड्स इन इंडिया) द्वारा निर्दिष्ट किया जाएगा.
  • इक्विटी इंडिक्स बड़े आधार वाला (ब्रॉड बेस्ड इंडिक्स) होगा. इस इंडेक्स में मार्केट कैपिटलाइज़ेशन के संदर्भ में 250 सबसे बड़ी कंपनियों के कुछ इक्विटी शेयर शामिल होने चाहिए.

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केवल पैसिव फ़़ंड हाउस के लिए छूट

मार्केट रेग्युलेटर ने केवल पैसिव फ़ंड लॉन्च करने के इच्छुक स्पॉन्सर और फ़ंड हाउस के लिए कम नेटवर्थ और प्रॉफ़िट की ज़रूरतों का भी प्रस्ताव दिया है.

सफल होने पर, मेन इलिजिबिलिटी रूट (मुख्य पात्रता के तरीक़े) के तहत फ़ंड हाउस लॉन्च करने के उद्देश्य से स्पॉन्सर के लिए नियम कुछ इस तरह होंगे:

  • स्पॉन्सर के पास पिछले पांच साल में पॉज़िटिव नेटवर्थ होनी चाहिए.
  • पिछले पांच में से तीन साल के दौरान उनका प्रॉफ़िट आफ़्टर टैक्स (PAT) भी होना चाहिए, जिसमें पांचवां साल भी शामिल होगा.
  • SEBI का प्रस्ताव है कि पिछले पांच साल में स्पॉन्सर का एवरेज प्रॉफ़िट कम से कम ₹5 करोड़ होना चाहिए. जो इस समय, ₹10 करोड़ है.
  • इस बीच, फ़ंड हाउस को ये पक्का करने की ज़रूरत है कि उसकी नेटवर्थ कम से कम ₹35 करोड़ हो. अगर वो लगातार पांच साल तक प्रॉफ़िट दर्ज करता है, तो नेटवर्थ को ₹25 करोड़ तक लाई जा सकती है.

फ़ंड हाउस, स्पॉन्सर ऑल्टरनेट एलिजेबिलिटी रूट के ज़रिए भी लॉन्च करने का विकल्प चुन सकते हैं.

इस मामले में, उन्हें ये पक्का करना होगा कि फ़ंड हाउस की नेटवर्थ कम से कम ₹75 करोड़ हो. इस समय, फ़ंड हाउस की नेटवर्थ ₹150 करोड़ होनी चाहिए.

सिम्प्लिफ़ाइड स्कीम इन्फ़ॉर्मेशन डॉक्युमेंट

Simplified Scheme Information Document (SID): प्रस्ताव का उद्देश्य SID को सुव्यवस्थित करना भी है, जो एक दस्तावेज़ है जो निवेशकों को म्यूचुअल फ़ंड के बारे में सभी ज़रूरी जानकारियां देता है.

पैसिव तरीक़े से मैनेज की जाने वाली स्कीमों से जुड़े सीमित रिस्क को ध्यान में रखते हुए, निवेश रणनीति, जहां स्कीम निवेश करेंगी और स्कीम के बेंचमार्क का प्रदर्शन जैसे मापदंडों को दस्तावेज़ से हटा दिया जाएगा.

इसके अलावा, ट्रैकिंग एरर, ट्रैकिंग अंतर, संबंधित बेंचमार्क का नाम आदि जैसे उचित मापदंडों को दस्तावेज़ में शामिल किया जाएगा.

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