जॉन नेफ़ ने वैनगार्ड के विंडसर फ़ंड का नेतृत्व किया, उस दौरान ये सबसे अच्छा प्रदर्शन करने वाला फ़ंड था. विपरीत सोच वाले निवेशक नेफ़ की तकनीक उन क्वालिटी कंपनियों पर फ़ोकस करती थी जो निवेशकों की पसंद के दायरे में नहीं होते थे, इसीलिए वो ख़ुद को ‘कम प्राइस-अर्निग इन्वेस्टर’ कहते थे. वो ऐसे स्टॉक तलाशते थे जो अपने कुल रिटर्न के मुक़ाबले सस्ते होते थे (earnings growth plus dividend yield divided by the PE ratio). ये तकनीक तेज़ उतार-चढ़ाव वाले स्टॉक्स के उलट बेहतर रिटर्न देती है.