‘स्मॉल इज़ ब्यूटिफ़ुल’ इकोनॉमिक्स की लिखी गई एक लोकप्रिय क़िताब का शीर्षक है. बड़ी संस्थाएं और...  एनालिस्‍ट छोटी कंपनियों को कम ही फ़ॉलो करते हैं इसीलिए सही स्टॉक का चुनाव करने वाले निवेशकों के लिए इनमें निवेश के मौक़े छिपे होते हैं. इनमें से कुछ बड़ी कंपनियां बन जाती हैं, जिससे निवेशकों को शानदार रिटर्न मिलता है. वहीं दूसरी ओर, इन कंपनियों के पास मार्केट में आने वाले झटकों और गिरावट का सामना करने की क्षमता कम होती है. इस स्क्रीनर को फ़ॉलो करने वाले इन्वेस्टर को अपने निवेश को डायवर्सीफ़ाई ज़रूरी करना चाहिए.  और पढ़ें