Updated: 17th Sept 2024
By: Value Research Dhanak
जब भी Share Market कमज़ोर होता है या भारी गिरावट आती है तो SIP पर शक़ करने वालों की संख्या बढ़ जाती है. या ज़्यादा लोग SIP के खिलाफ़ तर्क देने लगते हैं.
बाज़ार गिरने पर निवेशक अक़सर SIP की क़िश्त बंद करने की कोशिश करते हैं या ऐसे समय निवेश करने का प्रयास करते हैं जब बाज़ार निचले स्तर पर हो. क्या ऐसा करना सही है या नहीं? इसे समझते हैं.
2008 में बाज़ार में बड़ी गिरावट के बाद बहुत से लोगों ने SIP बंद कर दी थी और 2009 में बाज़ार की रिकवरी के बाद फिर से SIP शुरू की. ऐसे लोगों को अच्छा रिटर्न नहीं मिला.
SIP की ज़रूरत इसलिए है कि आम तौर पर इक्विटी मार्केट बढ़त की ओर होता है. लेकिन उतार-चढ़ाव का सही अनुमान संभव नहीं है. सही समय का इंतज़ार करने के बजाए रेग्युलर निवेश करना सही है.
समय-समय पर गिरावट पर NAV में उतार-चढ़ाव आता है. क़ीमत कम होने पर आप ज़्यादा यूनिट ख़रीद पाते हैं, और जब आप निवेश बेचेंगे तो सभी यूनिट की क़ीमतें एक जैसी होंगी.
इस तरह, गिरावट में क़ीमत कम होने पर आपने ज्यादा यूनिट ख़रीदी थीं, इसलिए रिटर्न ज़्यादा होगा. अगर आप गिरावट के समय निवेश बंद कर देते हैं तो ज़्यादा रिटर्न का मौक़ा गंवा देते हैं.
SIP के दो लक्ष्य हैं. पहला ये तय करना कि निवेश लगातार होता रहे. और दूसरा, बाज़ार में गिरावट आने पर निवेश बंद न हो. शानदार रिटर्न के लिए ये दोनों लक्ष्य हासिल करना आपके लिए ज़रूरी है.