Share Buyback पर बदले Tax के नियम, जानिए इससे जुड़ी हर महत्वपूर्ण जानकारी

Published: 10th Sep 2024

By: Value Research Dhanak

कंपनियां Share Buyback क्यों करती हैं?

जब कंपनियों को लगता है कि उनके शेयर सस्ते हो गए हैं, तो ऐसी स्थिति में कंपनियां बाज़ार में मौजूदा शेयरों की संख्या को कम करने और आउटस्टैंडिंग शेयरों की वैल्यू बढ़ाने के लिए बायबैक करती है.  

Share Buyback के 2 तरीक़े 

कंपनियां दो तरीक़े से अपने शेयर बायबैक करती हैं. पहला टेंडर ऑफ़र और दूसरा ओपन मार्केट ऑफ़र. टेंडर ऑफ़र में कंपनी तय प्राइस पर शेयर बायबैक करने का ऑफ़र देती हैं. वहीं, कंपनी ओपन मार्केट ऑफ़र में अपने शेयर स्टॉक एक्सचेंज पर सेलर्स से ख़रीदती है. 

निवेशकों के लिए ज़रूरी बात! 

निवेशक अगर बायबैक ऑफ़र में अपने शेयर देकर फ़ायदा कमाने की स्ट्रैटजी के साथ निवेश की प्लानिंग कर रहे हैं. तो उन्हें सावधान हो जाना चाहिए. इसकी वजह 1 अक्तूबर 2024 से शेयर बायबैक पर लगने वाले टैक्स के तरीक़े में होने वाला बदलाव है. 

अभी शेयर बायबैक पर कैसे लगता है टैक्स? 

फ़िलहाल, कंपनियों को बायबैक से जुड़े ट्रांज़ैक्शन पर 23.296% टैक्स देना पड़ता है, जिसमें surcharge और cess शामिल हैं. यानी, अभी तक शेयरहोल्डर्स को बायबैक से होने वाली आमदनी पर कोई टैक्स नहीं देना पड़ता है. 

अब कैसे लगेगा टैक्स? 

नए नियमों के तहत कुछ अहम बदलाव होने जा रहे हैं इसके लिए आप हमारी स्टोरी पढ़ सकते हैं. लिंक नीचे दिया गया है.