By: मोहित पाराशर
Published 07 June 2024
सस्ते वैल्यूएशन वाली क्वालिटी कंपनियों पर फ़ोकस रहता है. मीडियम से लॉन्ग टर्म में ग्रोथ की संभावनाओं वाली मज़बूत कंपनियों को चुनती हैं.
निवेशकों को अच्छी क्वालिटी और आकर्षक वैल्यूएशन वाली कंपनियों के ज़रिए डाइवर्सिटी बनाकर रखनी चाहिए, ताकि उनके निवेश पर बिज़नस के इकोनॉमिक साइकिल का असर न पड़े.
रोशी जैन की इन्वेस्टमेंट फ़िलॉसफ़ी स्टॉक चुनने के लिए बॉटम-अप रुख़ के इर्द-गिर्द घूमती है, जिसमें सही वैल्यूएशन पर क्वालिटी वाली कंपनियों पर फ़ोकस किया जाता है.
वैल्यूएशन के मामले में, रोशी जैन लॉन्ग-टर्म की अर्निंग, रिटर्न और कैश फ़्लो को ध्यान में रखते हुए एक मिला-जुला नज़रिया अपनाती हैं.
रोशी जैन की कोशिश मीडियम से लॉन्ग-टर्म में अपने निवेशकों के लिए वैल्यू बनाना है, और मैं शॉर्ट-टर्म में बेहतर या ख़राब प्रदर्शन को ज़्यादा अहमियत न देना है. और कंसिस्टेंसी बरक़रार रखना है.
रोशी जैन का मानना है कि वो एक्टिव इन्वेस्टमेंट स्टाइल और फ़िलॉसफ़ी के ज़रिए ये पक्का करती हैं कि लॉन्ग-टर्म ग्रोथ के अवसरों को भुनाने के लिए पोर्टफ़ोलियो डाइवर्स और अच्छी स्थिति में रहे.