Published 03rd July 2024
वैसे तो मार्केट में तमाम विकल्प मौजूद हैं. फ़िलहाल हम यहां NPS के टियर II (Debt plan) और शॉर्ट-टर्म (Debt) फ़ंड के बारे में बता रहे हैं. इन दोनों में से कौन सा विकल्प बेहतर हो सकता है.
इसमें निवेशक अपने पैसे का 100% हिस्सा डेट सिक्योरिटीज़ में लगा सकते हैं. (अगर वो 'एक्टिव' विकल्प चुनते हैं). इनमें लॉक-इन पीरियड नहीं होता है. यानी निवेशक, किसी भी समय अपना फ़ंड निकाल सकते हैं.
डेट फ़ंड में सीधे फ़ंड हाउस की वेबसाइट या अलग-अलग इंटरमीडियरीज़ के ज़रिए से निवेश कर सकते हैं. लेकिन NPS के टियर II विकल्प में निवेश करने के लिए आपको NPS टियर I का सब्सक्राइबर होना ज़रूरी है.
लिक्विडिटी के मामले में, डेट फ़ंड और NPS टियर II दोनों ही बराबर हैं, क्योंकि दोनों में लॉक-इन पीरियड नहीं है. NPS टियर II का पैसा बैंक खाते में जमा होने में 2-3 दिन लगते हैं; डेट फ़ंड में, दो दिन लगते हैं.
डेट फ़ंड और NPS टियर II इस मामले मे एक जैसे हैं. विड्रॉल के दौरान, दोनों पर निवेशका के टैक्स स्लैब के मुताबिक़ सामान्य रूप से टैक्स लागू होता है.
शॉर्ट टर्म निवेश के लिए शॉर्ट ड्यूरेशन वाले डेट फ़ंड सबसे बेहतर हैं. हालांकि, NPS टियर II पर इन्हें कोई ख़ासी बढ़त नहीं मिलती है, लेकिन ये शॉर्ट टर्म में कम उतार-चढ़ाव भरे होते हैं.
ठहरिए! ये पोस्ट सिर्फ़ एक बानगी है (इसमें संक्षेप में बात बताई गई है). पूरी और ज़रूरी जानकारी के लिए हमारे धनक “फंड वायर” आर्टिकल को पढ़ें. लिंक अगली स्लाइड में है.
इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.