Stock Market: उतार-चढ़ाव से लगता है डर, तो आपके लिए हैं ये 4 मंत्र 

Published: 09th July 2024

स्टॉक मार्केट है रोलर कोस्टर की सवारी

स्टॉक मार्केट कभी ऑलटाइम हाई रहता है तो कभी लंबे वक़्त तक गिरावट बनी रहती है. असल में, ये उतार-चढ़ाव स्टॉक मार्केट का स्वभाव है या यूं कहें तो एक अटूट हिस्सा है.

उतार-चढ़ाव के दौर में जल्दी घबरा जाते हैं तो…

…काफ़ी संभावना है कि आप निवेश बेच देते होंगे. ऐसे में नुक़सान लाज़िमी है, क्योंकि ऐसी कई कंपनियां है जिन्होंने बीच-बीच में भारी गिरावट के बावजूद, बीते 10 साल में शानदार प्रदर्शन किया है. आपके लिए हैं ये 4 मंत्र…

1. लॉन्ग-टर्म में मिलता है फ़ायदा

उतार-चढ़ाव को किसी कंपनी की असल वैल्यू के उतार-चढ़ाव के तौर पर नहीं देखना चाहिए. शार्ट-टर्म में कई बातों का असर पड़ता है. लेकिन लॉन्ग-टर्म में बाज़ार बिज़नस की बुनियाद या फ़ंडामेंटल्स जैसी चीज़ों को दर्शाता है. 

2. मार्केट को टाइम न करें 

मार्केट को टाइम करने का मतलब है उसमें होने वाले उतार-चढ़ाव का अनुमान लगाना यानी जब मार्केट उठने की उम्मीद हो, तो निवेश करना और गिरावट के दौर में निवेश बेच देना. ये नज़रिया पूरी तरह से सट्टेबाज़ी है.

3. कंपनी को समझना ज़रूरी है 

वैसे हर किसी से उम्मीद करना सही नहीं है कि वो हर कंपनी की समझ रखे. कोशिश ये होनी चाहिए कि कम से कम कंपनी के बिज़नस की बेसिक जानकारी रखें, जैसे-कंपनी क्या करती है और कॉम्पिटीशन का सामना कैसे करती है. 

4. कंक्लूज़न को समझें  

उतार-चढ़ाव से बचा नहीं जा सकता. लॉन्ग-टर्म नज़रिया अपनाकर मार्केट में  रहा जा सकता है. डर को खुद पर हावी न होने दें और उन कंपनियों में बने रहें जिनके फंडामेंटल्स पर आपको भरोसा है. 

डिस्क्लेमर 

अगर जानना चाहते हैं कि किसमें निवेश करना बेहतर रहेगा तो इसके लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें और पूरी स्टोरी को पढ़िए. “ये लेख निवेश से जुड़ी जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें.”