Published: 25th Feb 2025
अपने फ़ायदे बरक़रार रखें और बढ़ते प्रीमियम से बचें – जानिए कैसे!
हेल्थ इंश्योरेंस सिर्फ़ एक पॉलिसी नहीं, बल्कि एक सुरक्षा कवच है जो आपके और आपके परिवार की सेहत का ध्यान रखता है. अगर आप बेहतर कवरेज के साथ-साथ मौजूदा फ़ायदों को बरक़रार रखने का सोच रहे हैं, तो 'स्मार्ट स्विच' एक बेहतरीन विकल्प है.
क्या आपने देखा है कि आपकी पॉलिसी का प्रीमियम बिना किसी नए फ़ायदे के अचानक बढ़ गया है? ये एक स्पष्ट संकेत हो सकता है कि आपका मौजूदा हेल्थ इंश्योरेंस अब आपकी ज़रूरतों के अनुसार नहीं रहा.
हेल्थ इंश्योरेंस में सही समय पर बदलाव करना बहुत ज़रूरी है. अगर आपकी इंश्योरेंस कंपनी धीमी क्लेम प्रोसेस, सीमित अस्पताल नेटवर्क या बेकार कस्टमर सर्विस दे रही है, तो ये साइन है कि अब पोर्ट करने का समय आ गया है.
हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी एक ऐसा तरीक़ा है, जिसमें आप अपनी वर्तमान पॉलिसी के साथ जुड़े सभी महत्वपूर्ण फ़ायदों – जैसे वेटिंग पीरियड क्रेडिट और नो-क्लेम बोनस – को बिना खोए, किसी दूसरे इंश्योरेंस कंपनी में ट्रांसफ़र कर सकते हैं.
पोर्टिंग के दौरान सबसे महत्वपूर्ण बात ये है कि आपके मौजूदा फ़ायदे बिना किसी रुकावट के नए इंश्योरेंस में ट्रांसफ़र हो जाएं. चाहे वो वेटिंग पीरियड क्रेडिट हो या नो-क्लेम बोनस, ये दोनों आपके हेल्थ इंश्योरेंस के ज़रूरी हिस्से हैं.
हेल्थ इंश्योरेंस बदलने से पहले, गहराई से रिसर्च करना बेहद ज़रूरी है. अलग-अलग इंश्योरेंस कंपनियों की पॉलिसी, उनके प्रीमियम, अस्पताल नेटवर्क, क्लेम प्रोसेस और एक्सट्रा फ़ायदों की गहराई से तुलना करें.
जब आप नया इंश्योरेंस चुन लें, तो अगला क़दम है प्रक्रिया की शुरुआत करना. रिन्यू से कम से कम 45 दिन पहले अपनी मौजूदा इंश्योरेंस कंपनी को पोर्टिंग की सूचना दें. उसके बाद, नए बीमाकर्ता द्वारा दिया गया पोर्ट रिक्वेस्ट फ़ॉर्म भरें और ज़रूरी दस्तावेज़ जैसे मौजूदा पॉलिसी डिस्क्रिप्शन, रिन्यू नोटिस, क्लेम हिस्ट्री और मेडिकल रिकॉर्ड जमा करें.
बिना फ़ायदे के बढ़ते प्रीमियम और ख़राब सर्विस से बचने के लिए, अपने हेल्थ इंश्योरेंस के विकल्पों का सावधानी से मूल्यांकन करें. पोर्टेबिलिटी आपको मौजूदा फ़ायदों को बरक़रार रखते हुए बेहतर कवरेज और सर्विस का अनुभव करने का मौक़ा देती है.