Published: 25th Feb 2025
1. म्यूचुअल फ़ंड में कई निवेशकों का धन एकत्रित होकर पेशेवर प्रबंधन में लगाया जाता है. एक अच्छा म्यूचुअल फ़ंड आपके निवेश को एक्सपर्ट फ़ंड मैनेजर संभालते हैं, जिससे बुनियादी ग़लतियों का रिस्क कम रहता है.
1. SIP का मतलब है 'Systematic Investment Plan' – नियमित अंतराल पर निर्धारित राशि का निवेश. यानि, अगर आप हर महीने ₹1000 निवेश करते हैं, तो समय के साथ कंपाउंडिंग का फ़ायदा पाते हैं.
1. फ़ंड चुनते समय फ़ंड के प्रदर्शन, आपके रिस्क लेने की क्षमता और उस फ़ंड के प्रबंधन की विशेषज्ञता के बारे में सोचना चाहिए. मिसाल के तौर पर आपके चुने फ़ंड में पिछले 5 साल में कैसा प्रदर्शन किया है. यहां ध्यान देने वाली बात है कि एक ही साल के या किसी और छोटी अवधि में फ़ंड के अच्छे प्रदर्शन पर अपने फ़ैसले को टिकाना सही नहीं. इसके लिए लंबे अर्से में फ़ंड के प्रदर्शन पर ही ग़ौर करना बेहतर होता है.
डाइवर्सिफ़िकेशन से रिस्क कम और रिटर्न बैलेंस होता है. जैसे कि म्यूचुअल फ़ंड में SIP करने से बाज़ार के उतार-चढ़ाव का असर कम हो जाता है, जिससे समय के साथ आपका निवेश सुरक्षित रहता है.
1. अपने निवेश की शुरुआत में छोटे-छोटे क़दम उठाएं – शुरुआत में कम राशि से SIP शुरू करें, समय के साथ राशि बढ़ाएं और बाज़ार की स्टडी करें.
ये स्टोरी सिर्फ़ जानकारी के लिए है. किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें और फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें.