Published: 11th July 2024
F&O ट्रेडर्स के पास गिरवी रखने के लिए सिक्योरिटीज़ के विकल्प कम हो जाएंगे. NSE ने एक हज़ार से ज़्यादा सिक्योरिटीज़ को कोलेटरल के रूप में स्वीकार करने से जुड़े एलिजेबिलिटी क्राइटीरिया पर सख़्ती दिखाई है.
जिनमें ट्रेडिंग वॉल्यूम में कमी और इम्पैक्ट कॉस्ट ज़्यादा होती है, NSE उन सिक्योरिटीज़ को कोलेटरल के लिए स्वीकार नहीं करेगा. ऐसे में एलिजिबल सिक्योरिटीज़ की लिस्ट से क़रीब 1,730 में से 1,010 सिक्योरिटीज़ बाहर हो जाएंगी.
हटाई जा रही सिक्योरिटीज़ में से 25 का मार्केट कैप ₹20,000 करोड़ से ज़्यादा है. Adani Power, Yes Bank, Suzlon, Paytm (One 97 Communications), HUDCO, Bharat Dynamics, Go Digit General Insurance जैसे ऊंचे मार्केट कैपिटलाइजेशन वाले शेयरों पर असर पड़ सकता है.
NSE ने 10 जुलाई को एक सर्कुलर में कहा कि वही इक्विटी सिक्योरिटीज़ कोलेटरल के रूप में स्वीकार कि जाएंगी, जिनका पिछले 6 महीनों के में कम से कम 99% दिनों में ट्रेड हुआ है और इम्पैक्ट कॉस्ट ₹1 लाख की ऑर्डर वैल्यू के लिए 0.1% तक है.
पिछली स्लाइड में बताए गए पैमानों को पूरा नहीं करने वाली इक्विटी सिक्योरिटीज़ को 1 अगस्त 2024 से स्वीकार नहीं किया जाएगा. और ज़्यादा जानकारी के लिए नीचे दिए गए लिंक पर जाएं.