Published: 24th Feb 2025
बड़ा पैसा ख़रीदने और बेचने में नहीं बल्कि इंतज़ार करने में है.” Charlie Munger की इस गहरी बात से निवेश का मूल सिद्धांत झलकता है. आइए आगे विस्तार से इस पर बात करते हैं.
हम आज तत्काल संतुष्टि के दौर में रहते हैं – फ़ोन, ऑनलाइन ऑर्डर, तुरंत डिलीवरी. लेकिन निवेश में सफलता के लिए ऐसी स्पीड की उम्मीद सही नहीं.
बाज़ार के उतार-चढ़ाव में निवेश को बनाए रखने के लिए ज़रूरी है अपनी भावनाओं पर क़ाबू रखना. अनुशासन ही लंबे समय के दौरान सफलता का आधार है.
बीस साल पहले एक इंडेक्स फ़ंड में निवेश करके और उसे बनाए रखकर, निवेशक कई गुना रिटर्न कमा सकते थे. यहां निरंतरता और धैर्य की अहमियत स्पष्ट है.
बार-बार ट्रेडिंग करने से न केवल लेनदेन लागत बढ़ती है, बल्कि टैक्स का बोझ भी बढ़ जाता है. अतिरिक्त गतिविधियां अक्सर केवल उतावलेपन के परिणाम होती हैं.
सही निवेश का मतलब है “क्या न बेचना” – अपने निर्णयों को समय के साथ काम करने देना. मार्केट की हलचल के बीच भी स्थिर रहना ही अक्लमंदी है.
निवेश के प्रति दृढ़ विश्वास और मानसिक मज़बूती ही मार्केट के अनिश्चित दौर में सफलता दिलाते हैं. इंतज़ार करना भी एक सक्रिय निर्णय है.
निवेश का सबसे मुश्किल हिस्सा है इंतज़ार करना, लेकिन यही सबसे ज़्यादा अच्छे नतीजे देता है. सही रणनीति और धैर्य से ही आपका पैसा असली काम करेगा.
ये स्टोरी सिर्फ़ जानकारी के लिए है. किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें और फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें.