Published: 22nd July 2024
PMS में निवेश करने के साथ किस तरह के जोख़िम जुड़े हैं. मेरे पास ₹50 लाख निवेश करने के लिए हैं, तो इसके लिए म्यूचुअल फ़ंड और PMS में से क्या बेहतर है?
इंडिविजुअल निवेशकों के लिए कई वजह से म्यूचुअल फ़ंड बेहतर विकल्प है. ख़ासकर की जब आपके पास निवेश के लिए ₹50 लाख जितनी बड़ी ऱकम तो किसी भी लिहाज़ से PMS सही विकल्प नहीं है.
PMS में आप अपने निवेश को SIP या STP के ज़रिए छोटे हिस्सों में नहीं तोड़ सकते हैं. PMS के नियम म्यूचुअल फ़ंड की तरह नहीं हैं. PMS जिस तरह के प्रदर्शन का दावा करते हैं उसकी सच्चाई को चेक नहीं किया जा सकता है.
म्यूचुअल फ़ंड में नियम साफ़ हैं कि फ़ंड हाउस क्या कर सकते हैं और क्या नहीं कर सकते हैं. म्यूचुअल फ़ंड रोज़ NAV कैलकुलेट करते हैं और रोज़ इसका ख़ुलासा करते हैं.
PMS में आप किसी को भी स्टॉक ख़रीदने और बेचने का अधिकार दे रहे होते हैं. सभी ख़रीद और बिक्री के सौदे पर टैक्स इसके हिसाब से लगेगा. PMS मैनेजर अगर कुछ भी एक साल के अंदर बेच रहा है तो इस पर 15% शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा. वहीं, अगर इसको एक साल के बाद बेचा जाता है तो मुनाफ़े पर 10% का टैक्स लगेगा.
म्यूचुअल फ़ंड में आपको कैपिटल गेन टैक्स तभी देना होता है, जब आप अपना निवेश बेचते हैं. अगर आपका फ़ंड मैनेजर रोज़ ख़रीद या बिक्री करता है तब भी आपको कोई टैक्स नहीं देना होता है.
इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.