Published on: 18th Mar 2025
क्या आप इंडेक्स फंड में निवेश करना चाहते हैं लेकिन सही फंड चुनने का तरीक़ा नहीं जानते? ये स्टोरी आपकी मदद करेगी!
📌 इंडेक्स फ़ंड एक passive mutual fund होता है, जो किसी stock market index को ट्रैक करता है. ये ख़ुद स्टॉक्स नहीं चुनता बल्कि इंडेक्स के मुताबिक़ invest करता है.
📊 हर इंडेक्स फ़ंड अलग-अलग इंडेक्स ट्रैक करता है. 💡 समझें कि large-cap, mid-cap, small-cap इंडेक्स में क्या फ़र्क़ है और कौन-सा आपके investment goal के लिए सही है.
💰 Expense Ratio (व्यय अनुपात) से पता चलता है कि फ़ंड हाउस, फ़ंड मैनेज करने के लिए कितने पैसे ले रहा है . 🔍 कम expense ratio वाले फ़ंड्स लंबे समय में ज़्यादा फ़ायदे वाले साबित हो सकते हैं.
📉 Tracking Error (अनुसरण करने की त्रुटि) इंडेक्स और फ़ंड के रिटर्न में अंतर दिखाती है. ✅ कम tracking error का मतलब फ़ंड अपने इंडेक्स को ज़्यादा क़रीब से ट्रैक कर रहा है और ये अच्छा होता है.
💼 ज़्यादा AUM होने का मतलब है ज़्यादा लोग फ़ंड पर भरोसा कर रहे हैं और ये उसके सफल होने की एक निशानी जैसा हो सकता है. मगर ये दुधारी तलवार है, क्योंकि बहुत ज़्यादा बड़ा फ़ंड आने से उस पूरे पैसे को लगाना और उस पर बहुत अच्छे रिटर्न पाना भी मुश्किल हो जाता है. यानि, कुल मिला कर ज़्यादा बड़ा AUM फ़ंड के प्रदर्शन पर असर डाल सकता है.
👉 Direct Plan में कम expense ratio होता है, जिससे ज़्यादा रिटर्न मिल सकता है. 👉 Regular Plan में आपको एडवाइज़र की मदद मिलती है लेकिन ख़र्च ज़्यादा होता है.
🔹 अगर आप low-cost, passive investing चाहते हैं और बाज़ार की एवरेज ग्रोथ से संतुष्ट हैं, तो इंडेक्स फ़ंड एक अच्छा विकल्प हो सकता है.
✅ सही इंडेक्स चुनें. ✅ Expense Ratio और Tracking Error देखें. ✅ AUM और Direct Plan को प्राथमिकता दें. 📌 सूझ-बूझ से निवेश करें और लंबी अवधि के लिए सोचें.
⚠️ ये निवेश की सलाह नहीं बल्कि जानकारी के लिए है. अपने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें.