By: Abhijeet Pandey
Published 03 June 2024
म्यूचुअल फ़ंड निवेश में जिस अहम पहलू को जोड़ते हैं, वो है Diversification. हालांकि, ये सही तरीक़े से होना चाहिए वरना बेहतर रिटर्न पाने की क़वायद बेकार हो जाती है और बहुत कम होने पर रिस्क बढ़ सकता है.
कई सेक्टर और अलग-अलग साइज़ की कंपनियों में निवेश करने से इसका फ़ायदा मिलता है. इससे निवेश सुरक्षित रहता है. फ़ंड्स में निवेश करने वालों के लिए अलग-अलग फ़ंड मैनेजर वाले फ़ंड्स का चुनाव करना चाहिए.
Diversification के लिए 4-5 फ़ंड काफ़ी होते हैं. ज़्यादा फ़ंड में निवेश करने से ज़्यादा डाइवर्सिफ़िकेशन नहीं मिलता. और इसका कोई फ़ायदा भी नहीं है. इससे रिटर्न पर असर पड़ सकता हैं.
अगर आपके पोर्टफ़ोलियो में ज़्यादा फ़ंड इकट्ठे होंगे तो म्यूचुअल फ़ंड्स का सबसे बड़ा फ़ायदा ही आप खो बैठेंगे और वो फ़ायदा है - निवेश में सरलता.
आपको कुछ ही फ़ंड में अपना निवेश रखना चाहिए. और, ये पक्का करें कि आपके फ़ंड अलग तरह के हों और इन्हें मैनेज करने वाले फ़ंड मैनेजर अलग हों.
फ़ंड निवेश को ट्रैक करना बेहद आसान है. इसके लिए आपको सही जानकारी की ज़रूरत होती है ऐसे में आप हमारे टूल 'मेरे निवेश' का इस्तेमाल करके अपने इन्वेस्टमेंट को आसानी से ट्रैक कर सकते हैं.