अपने हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करें बिना किसी फ़ायदे को खोए. जानिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस, वेटिंग पीरियड क्रेडिट, और नो-क्लेम बोनस के बारे में.

अपने हेल्थ इंश्योरेंस को पोर्ट करें बिना किसी फ़ायदे को खोए. जानिए स्टेप-बाय-स्टेप प्रॉसेस, वेटिंग पीरियड क्रेडिट, और नो-क्लेम बोनस के बारे में. 

Published: 26th Feb 2025

हेल्थ इंश्योरेंस को बिना फ़ायदे खोए कैसे पोर्ट करें? 

हेल्थ इंश्योरेंस की पॉलिसी में बदलाव करना चाह रहे हैं? जानिए कैसे आप बिना किसी फ़ायदे को खोए नई इंश्योरेंस कंपनी में कैसे स्विच कर सकते हैं.

प्रीमियम बढ़ने पर क्या करें? 

अगर आपके हेल्थ इंश्योरेंस का प्रीमियम अचानक बढ़ गया है और पॉलिसी में कोई नया फ़ायदा नहीं मिल रहा, तो शायद अब समय आ गया है इसे पोर्ट करने का. नया ऑप्शन बेहतर हो सकता है.

बीमा पोर्ट करने की ज़रूरत क्यों है? 

अगर आपका प्रीमियम बढ़ गया है, क्लेम में देरी हो रही है, या आपकी पॉलिसी अब आपकी ज़रूरतों को पूरा नहीं कर रही, तो हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करने पर विचार करें.

हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी क्या है? 

हेल्थ इंश्योरेंस पोर्टेबिलिटी का मतलब है कि आप अपनी मौजूदा पॉलिसी के फ़ायदे जैसे वेटिंग पीरियड क्रेडिट और नो क्लेम बोनस को बनाए रखते हुए नई इंश्योरेंस कंपनी में स्विच कर सकते हैं.

वेटिंग पीरियड क्रेडिट कैसे काम करता है? 

अगर आपने पहले से किसी बीमारी के लिए वेटिंग पीरियड पूरा कर लिया है, तो अब जब आप नई पॉलिसी में स्विच करेंगे, तो ये समय नई कंपनी मान्य करेगी. यानी, आपको फिर से वेटिंग पीरियड पूरा नहीं करना पड़ेगा.

नो-क्लेम बोनस (NCB) क्या है? 

अगर आपने किसी भी साल में क्लेम नहीं किया है, तो बीमाकर्ता आपको एक बोनस देता है, जिसे नो क्लेम बोनस कहते हैं. ये बोनस आपकी नई पॉलिसी में जुड़ जाएगा, जिससे आपका कवरेज बढ़ जाएगा.

हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करने के स्टेप्स 

अगर आप हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट करना चाहते हैं, तो कुछ आसान स्टेप्स फ़ॉलो करें. ये प्रॉसेस सरल है और आपको सही कंपनी में स्विच करने का मौक़ा देती है.

स्टेप 1: रिसर्च और तुलना करें 

नए हेल्थ इंश्योरेंस ऑप्शन के बारे में रिसर्च करें. अलग-अलग कंपनियों और उनके प्लान की तुलना करें ताकि आपको सबसे अच्छा कवरेज मिल सके. ध्यान दें: – प्रीमियम और कवरेज का संतुलन – अस्पताल नेटवर्क और कैशलेस क्लेम की सुविधा – क्लेम प्रोसेसिंग रेट

स्टेप 2: मौजूदा बीमा कंपनी को सूचित करें 

हेल्थ इंश्योरेंस पोर्ट की अनुमति रिन्यूअल (नवीनीकरण) के समय ही मिलती है. इसलिए, आपको नई बीमा कंपनी में स्विच करने के लिए कम से कम 45 दिन पहले अपनी मौजूदा कंपनी को सूचित करना होगा.

स्टेप 3: पोर्टेबिलिटी रिक्वेस्ट सबमिट करें

एक बार जब आप नई बीमा कंपनी का चुनाव कर लें, तो पोर्टेबिलिटी रिक्वेस्ट फ़ॉर्म भरें और ज़रूरी दस्तावेज़ दें. इनमें शामिल हो सकते हैं: – मौजूदा पॉलिसी की डिटेल  – रिन्यूअल नोटिस और क्लेम की हिस्ट्री – मेडिकल रिकॉर्ड (अगर ज़रूरी हो)

स्टेप 4: अप्रूवल का इंतज़ार करें 

आपकी नई इंश्योरेंस कंपनी के पास 15 दिनों का समय होता है आपके पोर्टेबिलिटी अनुरोध को प्रॉसेस करने के लिए. अगर 15 दिन के अंदर कोई जवाब नहीं आता, तो आपका पोर्टेबिलिटी अनुरोध स्वीकृत मान लिया जाएगा.

स्टेप 5: एक सहज ट्रांसफ़र पक्क़ा करें 

कवरेज में कोई भी अंतराल न हो, इसका ध्यान रखें. ये पक्क़ा करें कि आपकी पुरानी पॉलिसी तब तक एक्टिव रहे जब तक नई पॉलिसी स्वीकार नहीं हो जाती और उसका पेमेंट नहीं हो जाता. इस प्रकार, आपको निरंतर कवर मिलेगा.

ध्यान दें!

अगर आपका प्रीमियम बढ़ गया है और आपकी मौजूदा पॉलिसी आपको सही लाभ नहीं दे रही है, तो पोर्टेबिलिटी एक अच्छा ऑप्शन हो सकता है. लेकिन स्विच करने से पहले, दूसरे विकल्पों का अच्छे से आकलन करना जरूरी है. अपनी बीमा कंपनी तभी बदलें जब आपको बेहतर सौदे और सुविधाओं का भरोसा हो. यह पूरी प्रक्रिया आपके लिए आसान और जानकारीपूर्ण बनाती है, जिससे आप अपने हेल्थ इंश्योरेंस को बेहतरी से पोर्ट कर सकते हैं.

🚨 डिस्क्लेमर 

ये स्टोरी सिर्फ़ जानकारी के लिए है. किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें और फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें.