Is the exit load applicable only on profits or on the entire investment?

Is the exit load applicable only on profits or on the entire investment? 

Published: 12th Feb 2025

क्या एग्ज़िट लोड सिर्फ़ मुनाफे़ पर लगता है?

अगर म्यूचुअल फंड में निवेश कर रहे हैं, तो "एग्ज़िट लोड" का मतलब समझना बेहद ज़रूरी है. आज जानेंगे, ये सिर्फ़ मुनाफे़ पर लगता है या पूरे निवेश पर.

एग्ज़िट लोड आख़िर होता क्या है?

एग्ज़िट लोड वो चार्ज है जो फ़ंड हाउस आपसे तब वसूलते हैं, जब आप तय समय से पहले अपनी यूनिट्स बेचते हैं. इसका मक़सद है निवेशकों को जल्दबाज़ी में रिडेम्प्शन करने से रोकना है. ये फ़ीस रिडेम्प्शन रक़म का एक छोटा प्रतिशत होती है, जो हर फ़ंड स्कीम के लिए अलग हो सकती है.

क्या ये सिर्फ़ मुनाफे़ पर लागू होता है? 

नहीं, एग्ज़िट लोड पूरे रिडेम्प्शन अमाउंट पर लागू होता है. चाहे आपके निवेश की वैल्यू बढ़ी हो या घटी हो, ये चार्ज हर स्थिति में देना होगा. इसे बेहतर तरीके़ से समझने के लिए आइए दो अलग-अलग उदाहरणों पर नज़र डालते हैं.

मुनाफे़ की स्थिति में एग्ज़िट लोड कैसे लगता है?

मान लीजिए, आपने ₹5 लाख निवेश किए और इसकी वैल्यू बढ़कर ₹5.5 लाख हो गई. अब, अगर आप एक साल के अंदर रिडेम्प्शन करते हैं और एग्ज़िट लोड 1% है, तो आपको ₹5,500 का चार्ज देना होगा. यानि, रिडेम्प्शन के बाद आपके हाथ में ₹5,44,500 आएंगे.

नुक़सान की स्थिति में एग्ज़िट लोड का असर कैसा होता है?

अब सोचिए, आपने ₹5 लाख लगाए, लेकिन फ़ंड की वैल्यू घटकर ₹4.8 लाख हो गई. अगर आप तय समय से पहले रिडेम्प्शन करते हैं, तो 1% एग्ज़िट लोड यानि, ₹4,800 कट जाएंगे. इसका मतलब ये हुआ कि आपको ₹4,75,200 ही मिलेंगे.

एग्ज़िट लोड क्यों ज़रूरी है?

शुरुआत में ये चार्ज एक ‘पेनल्टी’ की तरह लग सकता है. लेकिन सच्चाई ये है कि ये निवेशकों को निवेश में लंबे समय तक बनाए रखने के लिए प्रोत्साहित करता है. ये फ़ंड की स्थिरता बनाए रखने में मदद करता है, जिससे सभी निवेशकों को लाभ होता है.

क्या एग्ज़िट लोड फ़ंड हाउस के पास जाता है? 

ये एक आम ग़लतफ़हमी है. एग्ज़िट लोड फंड हाउस के पास नहीं जाता. इसे म्यूचुअल फ़ंड स्कीम में वापस निवेश किया जाता है, जिससे बाक़ी निवेशकों को फ़ायदा मिलता है. इसे एक सामूहिक लाभ के रूप में देखा जा सकता है.

एग्ज़िट लोड से कैसे बच सकते हैं?

अगर आप एग्ज़िट लोड से बचना चाहते हैं, तो सही योजना बनाएं. फ़ंड की लॉक-इन अवधि का ध्यान रखें और रिडेम्प्शन तभी करें जब ये चार्ज लागू न हो. इससे आप अनावश्यक कटौती से बच सकते हैं.

रिडेम्प्शन से पहले क्या करना चाहिए?

रिडेम्प्शन से पहले अपने फ़ंड का एग्ज़िट लोड ज़रूर चेक करें. ये पता करें कि आपकी स्कीम पर कितने समय के लिए ये चार्ज लागू है. जल्दबाज़ी न करें और निवेश के लिए लॉन्ग-टर्म अप्रोच रखें.

क्या एग्ज़िट लोड एक बाधा है?

युवा निवेशकों के लिए ये समझना ज़रूरी है कि एग्ज़िट लोड कोई बाधा नहीं है. ये आपको डिसिप्लिन के साथ लंबे समय तक निवेश में बने रहने का एक प्रोत्साहन है.

युवा निवेशकों के लिए एक अहम सलाह!

अगर आप सोच-समझकर निवेश करेंगे और लॉन्ग-टर्म वेल्थ क्रिएशन पर ध्यान देंगे, तो एग्ज़िट लोड से आसानी से बच सकते हैं. रिडेम्प्शन के लिए हमेशा सही समय का इंतज़ार करें.

ध्यान दें!

तो अब आप जानते हैं कि एग्ज़िट लोड मुनाफे़ पर नहीं, पूरे निवेश पर लागू होता है. अगली बार कोई फ़ंड रिडीम करने से पहले इसे ज़रूर ध्यान में रखें और अपने निवेश को स्मार्ट तरीके़ से प्लान करें. 😊

Disclaimer ⚠️📢 

📌 यह जानकारी केवल शैक्षिक उद्देश्य के लिए है. 📌 निवेश करने से पहले अपनी रिसर्च करें या फाइनेंशियल एक्सपर्ट से सलाह लें. ✔️ सही जानकारी, सही फैसला!