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एग्ज़िट लोड क्या है और इसकी कैलकुलेशन कैसे की जाती है? क्या ये सिर्फ़ मुनाफ़े पर लागू होता है या रिडेम्प्शन की पूरी रक़म पर? - धनक सब्सक्राइबर
अगर आपने म्यूचुअल फ़ंड में निवेश किया है, तो "एग्ज़िट लोड" शब्द आपके लिए नया नहीं होगा. एग्ज़िट लोड वो फ़ीस है जो फ़ंड हाउस तब वसूलते हैं जब निवेशक अपनी यूनिट्स को तय समय से पहले रिडीम करते हैं. ये फ़ीस आमतौर पर रिडेम्शन अमाउंट का एक तय प्रतिशत होती है और इसका उद्देश्य निवेशकों को जल्दबाज़ी में पैसे निकालने से रोकना है. ये रक़म फ़ंड के मुताबिक़ अलग-अलग हो सकती है.
अब सवाल ये उठता है कि एग्ज़िट लोड सिर्फ़ मुनाफे़ पर लगता है? इसका जवाब है नहीं. एग्ज़िट लोड पूरे रिडेम्शन अमाउंट पर लागू होता है, चाहे आपका निवेश बढ़ा हो या घटा हो.
उदाहरण से समझिए:
1. मुनाफे़ की स्थिति में
मान लीजिए, अगर आपने ₹5 लाख का निवेश किया और इसकी वैल्यू ₹5.5 लाख हो गई. और आप इसे एग्ज़िट लोड अवधि (एक साल, 1 फ़ीसदी एग्ज़िट लोड के साथ) के अंदर रिडीम करते हैं तो एग्ज़िट लोड ₹5,500 (₹5.5 लाख का 1%) चार्ज कटेगा. यानि, कटौती के बाद आपको ₹5,44,500 मिलेंगे.
2. नुक़सान की स्थिति में
अगर आपका ₹5 लाख का निवेश घटकर ₹4.8 लाख रह गया है और आप इसे एग्ज़िट लोड अवधि (एक साल के अंदर) रिडीम करते हैं. इस स्थिति में भी ₹4.8 लाख पर 1% का एग्ज़िट लोड यानि, ₹4,800 कटेगा. और कटौती के बाद आपको ₹4,75,200 मिलेंगे.
एग्ज़िट लोड क्यों ज़रूरी है?
शुरुआत में एग्ज़िट लोड एक 'पेनल्टी' जैसा लग सकता है, लेकिन इसकी वास्तविक भूमिका काफ़ी अहम है.
- ये निवेशकों को लंबे समय तक फ़ंड में बने रहने के लिए प्रेरित करता है.
- फ़ंड में बार-बार एग्ज़िट (चर्न) को रोकता है, जिससे फ़ंड की स्थिरता बनी रहती है.
- ख़ास बात ये है कि ये चार्ज फ़ंड हाउस के पास नहीं जाता. इसे म्यूचुअल फ़ंड स्कीम में फिर से निवेश किया जाता है, जिससे बाक़ी निवेशकों को फ़ायदा होता है.
ध्यान दें!
रिडेम्शन से पहले हमेशा चेक कर लें कि आपके फ़ंड पर कितना एग्ज़िट लोड लागू है. सही प्लान बनाकर आप इस चार्ज से आसानी से बचा सकते हैं.
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यह लेख मूल रूप से फ़रवरी 12, 2025 को पब्लिश हुआ था.