Published on: 12th Mar 2025
एक ग़लत फ़ैसला आपके वर्तमान और भविष्य दोनों को डगमगा सकता है. ये आपके क्रेडिट स्कोर और भविष्य में लोन लेने की क्षमता पर असर डालता है.
अगर एक व्यक्ति ऊंची ब्याज दर वाला पर्सनल लोन लेकर शादी या इस्तेमाल की चीज़ें ख़रीदता है और अगर उसकी आमदनी उम्मीद के मुताबिक़ नहीं बढ़ती या अचानक कोई इमरजेंसी आ जाती है, तो क़र्ज़ी चुकाने में बड़ी मुश्किल पेश आ सकती है.
क़र्ज़ चुकाने में चूक जाने से क्रेडिट स्कोर पर ख़राब असर होता है, जिससे भविष्य में लोन पाना मुश्किल हो जाता है.
सीधे शेयरों में बिना सही डाइवर्सिफ़िकेशन (यानि अलग-अलग तरह के निवेशों में पैसा लगाना) के बहुत ज़्यादा निवेश करने से, मार्केट की बड़ी गिरावट के दौरान बड़ा नुक़सान हो सकता है.
– स्पष्ट फ़ाइनेंशियल लक्ष्य निर्धारित करें. – ज़रूरतों के लिए ही लोन लें और पक्का करें कि ये आपकी आमदनी के हिसाब से हो. – मासिक ख़र्चों की प्लानिंग करें ताकि EMI से तनाव न हो. – समय पर भुगतान को प्राथमिकता दें ताकि क्रेडिट स्कोर मज़बूत रहे. – अचानक आए ख़र्चों से निपटने के लिए एक इमरजेंसी फ़ंड बनाएं. – लोन की शर्तों को समझें, जिसमें ब्याज दरें, रिपेमेंट की अवधि, और छिपी हुई फ़ीस शामिल हैं. अपनी फ़ाइनेंशियल हेल्थ की नियमित समीक्षा करें और ख़र्चों को क़ाबू में रखें.
फ़ाइनेंशियल ग़लतियों से बचने के लिए जिम्मेदार उधारी और समय पर रिपेमेंट पक्का करें. ये आपकी फ़ाइनेंशियल हेल्ल्थ को बनाए रखता है और मौज-मज़े के ख़र्चों को लंबे समय के आर्थिक बोझ में बदलने से रोकता है.
ये निवेश की सलाह नहीं बल्कि जानकारी के लिए है. अपने निवेश से पहले अच्छी तरह से रिसर्च करें.