Published: 28th Feb 2025
अडानी पॉवर को विदर्भ इंडस्ट्रीज़ पॉवर लिमिटेड (VIPL) का अधिग्रहण करने की मंज़ूरी मिल गई है. ये कंपनी पहले अनिल अंबानी की रिलायंस पॉवर का हिस्सा थी. ये अधिग्रहण अडानी पॉवर की ताक़त को और बढ़ा सकता है.
इस अधिग्रहण से अडानी पॉवर को अपने थर्मल पॉवर उत्पादन को और मज़बूत करने का मौक़ा मिलेगा. अब कंपनी नए मौकों की ओर बढ़ रही है, जिससे इसके कारोबार को एक नई दिशा मिल सकती है.
अडानी पॉवर ने पहले भी दहानू पॉवर लिमिटेड और लैंको अमरकंटक पॉवर जैसे बड़े अधिग्रहण किए हैं. ये सभी अधिग्रहण कंपनी की ऊर्जा उत्पादन क्षमता को बढ़ाने और मौजूदा संपत्तियों का बेहतर इस्तेमाल करने के उद्देश्य से हुए थे.
हाल ही में अडानी पॉवर के शेयर 3% बढ़कर ₹509.80 तक पहुंचे, जबकि BSE पॉवर इंडेक्स में केवल 0.5% की गिरावट आई. ये संकेत देते हैं कि कंपनी में सुधार की संभावना है, लेकिन फिर भी पिछले एक साल में 10.9% की गिरावट आई है.
अडानी पॉवर का मार्केट कैप ₹1,91,960 करोड़ है. P/E रेशियो 14.72 है, जो इंडस्ट्री एवरेज से थोड़ा ज़्यादा है. इसके अलावा, कंपनी का ROCE (Return on Capital Employed) 32.3% है, जो काफ़ी अच्छा है.
अडानी पॉवर को वैल्यू रिसर्च ने 4-स्टार रेटिंग दी है, जो इसे एक मजबूत और संभावनाओं वाला स्टॉक बनाती है. इसके ग्रोथ और वैल्यूएशन स्कोर अच्छे हैं, लेकिन इसमें कुछ अस्थिरता भी मौजूद है.
अडानी पॉवर को कई बड़े अवसर मिल रहे हैं, लेकिन इसमें कुछ जोखिम भी हैं. जैसे कि ऊर्जा क्षेत्र में प्रतियोगिता, बाजार की अस्थिरता, और अधिग्रहणों का सफल होना. इन सबका असर स्टॉक की कीमत पर हो सकता है.
अगर आप लंबी अवधि के लिए निवेश करने की सोच रहे हैं, तो अडानी पॉवर एक अच्छा विकल्प हो सकता है. हालांकि, आपको इसके रिस्क को भी ध्यान में रखना होगा. शेयर बाजार में कभी भी उतार-चढ़ाव हो सकते हैं, और इस स्टॉक के साथ भी ऐसा हो सकता है.
अडानी पॉवर एक मजबूत कंपनी है, और इसके पास बढ़ने के कई मौके़ हैं. लेकिन, आपको इस स्टॉक में निवेश करने से पहले अपने रिस्क प्रोफ़ाइल और निवेश लक्ष्यों का मूल्यांकन करना चाहिए. निवेश की योजना बनाते वक्त हमेशा अपनी रिसर्च पर ध्यान दें.
ये स्टोरी सिर्फ़ जानकारी के लिए है. किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें और फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें.