Published: 20th Feb 2025
19 फरवरी, 2025 को Zydus Lifesciences का शेयर अपने 52-वीक लो पर पहुंच गया. बीते 6 महीनों में 26% की गिरावट, लेकिन क्या ये निवेश का मौक़ा है या रिस्क बढ़ा?
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की टैरिफ़ पॉलिसी ने फ़ार्मा सेक्टर को हिलाया. निफ़्टी फ़ार्मा इंडेक्स 7% टूटा. अमेरिका में फ़ार्मा प्रोडक्ट्स पर 25% टैरिफ़ का ख़तरा मंडरा रहा है.
दिसंबर 2024 तिमाही में Zydus का मुनाफ़ा 30% बढ़कर ₹1,024 करोड़ पर पहुंचा. रेवेन्यू में 17% की बढ़त रही, ख़ास तौर पर अमेरिका से. लेकिन भारत में रेवेन्यू ग्रोथ घटकर 6.7% रह गया.
– 50+ देशों में ग्लोबल मौजूदगी – मज़बूत रिसर्च एंड डेवलपमेंट – हाई-क्वालिटी दवाइयां और इन्जेक्शन – टिकाऊ ग्रोथ और डायवर्सिफ़ाइड पोर्टफ़ोलियो
– कड़े रेगुलेटरी नॉर्म्स का असर – क्वालिटी और सेफ्टी से जुड़े जोखिम – इंटरनेशनल कॉम्पिटीशन – सप्लाई चेन में रुकावटें और इकोनॉमिक उतार-चढ़ाव
अगर आप लॉन्ग-टर्म निवेशक हैं, तो ये गिरावट आपके लिए मौक़ा हो सकती है. लेकिन उतार-चढ़ाव से घबराने वाले निवेशकों को थोड़ा रुकना चाहिए.
– फ़ंडामेंटल्स स्ट्रॉन्ग हैं: रेवेन्यू और मुनाफ़ा लगातार बढ़ रहा है. – फे़यर वैल्यू पर ख़रीदें: गिरावट के बाद स्टॉक की वैल्यूएशन आकर्षक हो सकती है. स्टेप-बाय-स्टेप निवेश: मार्केट के और स्थिर होने का इंतज़ार करें या SIP जैसी स्ट्रैटेजी अपनाएं.
– क्वालिटी स्कोर: 9/10 – ग्रोथ स्कोर: 7/10 – वैलुएशन स्कोर: 6/10 – मोमेंटम स्कोर: 4/10 कुल रेटिंग: ⭐⭐⭐⭐ (4/5)
Zydus का लॉन्ग-टर्म पोटेंशियल स्ट्रॉन्ग है, लेकिन शॉर्ट-टर्म में उतार-चढ़ाव रह सकते हैं. अपनी रिस्क प्रोफ़ाइल के मुताबिक़ सोच-समझकर क़दम उठाएं.
ये स्टोरी सिर्फ़ जानकारी के लिए है. किसी भी निवेश से पहले अपनी रिसर्च ज़रूर करें और फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र से सलाह लें.