इसे टैक्स-सेविंग म्यूचुअल फ़ंड के तौर पर भी जानते है
ये आपकी वेल्थ को बढ़ाने के साथ-साथ टैक्स बचाने में भी मदद करते हैं.
जिन निवेशकों ने ओल्ड टैक्स रिज़ीम (old tax regime) का विकल्प चुना है. वो इनकम टैक्स एक्ट की धारा 80C के तहत ₹1.5 लाख तक का टैक्स डिडक्शन क्लेम कर सकते हैं.
और ये बातें आपको जानना बहुत ज़रूरी हैं.
इन फ़ंड्स में तीन साल का लॉक-इन होता है. हालांकि, ये अभी भी पब्लिक प्रॉविडेंट फ़ंड (PPF) जैसे और दूसरे टैक्स सेविंग के विकल्पों से काफ़ी बेहतर है, जिसमें 15 साल का लॉक-इन है.
दूसरी बात ये कि तीन साल का लॉक-इन नए निवेशकों के लिए बुरा नहीं है. इस सुविधा के चलते लंबे समय तक का अनुशासन बना रहता है, जो पैसे इकट्ठा करने का क़ारगर हथियार है.
इसके अलावा, तीन साल का लॉक-इन, इन्वेस्टर्स को शॉर्ट-टर्म मार्केट के उतार-चढ़ाव से बचने और लंबे समय में अच्छा रिटर्न हासिल करने देता है.
हमने पिछले 7 साल के दौरान हर महीने पैसे जमा करने पर, एवरेज ELSS फ़ंड के तीन-साल के रोलिंग रिटर्न का अनालिसिस किया. एवरेज ELSS फ़ंड में इन्वेस्ट करने, 58% समय के दौरान 12 % से ज़्यादा का रिटर्न मिलता.
ये लेख/ पोस्ट म्यूचुअल फ़ंड में ध्यान रखने वाली बातों की जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें.