पैसिव इनकम हेल्प ही नहीं करेगा, पैसिव इनकम अनिवार्य है अगर आपको आज़ादी चाहिए पैसिव इनकम दो तरीक़े के हो सकते हैं एक - अगर आपकी आमदनी हो रही है, कम हो रही है
लेकिन आपको वो काम करने में मज़ा आता है तो आपको लगेगा कि यह पैसिव इनकम है लेकिन financial arena में पैसिव इनकम कहा जाता है जब आप इतनी पूंजी इकट्ठा कर लें कि उस पूंजी से मिलनेवाली जो आमदनी है,
निश्चित तौर पर जो आपको आमदनी मिल पाएगी, उससे आपकी आमदनी की ज़रुरत पूरी हो जाएगी और इसके लिए आपको काम करने की ज़रुरत नहीं पड़ेगी शुरुआत में आपको पैसिव इनकम target नहीं करना चाहिए शुरुआत में जब आप काम कर रहे हैं,
आपकी आमदनी है, और आप बचत कर रहे हैं और वह आपका निवेश हो रहा है तो उस पैसे को ऐसे लगाएं कि वह रफ़्तार से बढ़े और जब आप रिटायरमेंट के कगार पर हो, चाहे वह 40 साल हो, 45 साल हो, आप early रिटायर करना चाहते हैं
तब भी उस पैसे को ऐसे लगाया जाए ताकि वह आपके लिए इनकम generate कर पाए और आपके लिए काम करना ज़रूरी नहीं हो आप अपनी इच्छा अनुसार काम कर सकते हैं