Published: 26th July 2024
By: Dhanak Value Research
Kotak, Invesco और Navi सहित कई म्यूचुअल हाउस के कई फ़ंड के NFO हाल में लॉन्च हुए हैं या सब्सक्रिप्शन के लिए बंद हुए हैं. यहां सवाल उठता है कि क्या NFO में निवेश करना एक सही स्ट्रैटजी हो सकती है?
New Fund Offer: हर म्यूचुअल फ़ंड एक न्यू फ़ंड ऑफ़र के रूप में शुरू होता है. इस तरह से NFO एक ऑफ़र है, जहां लोग अपना पैसा लगाते हैं और फिर फ़ंड मैनेजर निवेश शुरू करते हैं.
NFO के ज़रिये मिले पैसे को निवेश करने पर समय के साथ इसका ट्रैक रिकॉर्ड बन है. पुराने म्यूचुअल फ़ंड का एक पोर्टफ़ोलियो होता है, जहां आप फंड का परफ़ार्मेंस देख सकते हैं. आगे जानें NFO से बचने की 5 वजह…
NFO एक नई शुरुआत की तरह है, जहां आपको सिर्फ़ ये पता चलता है कि आपके पैसे को कौन मैनेज कर रहा है. आप सिर्फ़ Mutual Fund के दावे वाली स्ट्रैटेजी ख़रीदते हैं उसका ट्रैक रिकॉर्ड नहीं.
हालांकि, भारी भरकम विज्ञापनों और प्रचार के चलते NFO अक्सर बड़ी रक़म जुटाने में क़ामयाब होते हैं. ऐसे में कई लोग बेहद साधारण आइडिया में भी पैसा लगा देते हैं.
लाइफ़ में तजुर्बा मायने रखता है. समय के साथ हमारे फ़ैसले बेहतर होते जाते हैं. यही बात फ़ंड्स पर भी लागू होती है. इसीलिए, हम इन्वेस्टर्स को लंबी हिस्ट्री और मज़बूत ट्रैक रिकॉर्ड वाले फ़ंड को चुनने की सलाह देते हैं.
एक फंड अलग-अलग साइकल से गुज़र चुका होता है. अनुभवी फ़ंड मैनेजर उस पर नज़र रखता है. वो किसी भी तेज़ी का फ़ायदा उठाने या मार्केट के अलग-अलग चरणों के दौरान निवेश की रक्षा करने के लिए सबसे सही होगा.
एक दिलचस्प बात जान लीजिए. कुछ इन्वेस्टर्स NFO को IPO समझने की ग़लती करते हैं. दोनों में काफ़ी अंतर है. स्टॉक का प्राइस सप्लाई-डिमांड पर आधारित होता है, जबकि फ़ंड यूनिट्स की सप्लाई हमेशा बनी रहती है.