नेगेटिव वर्किंग कैपिटल हमेशा बुरी ख़बर क्यों नहीं है? 

Published:  18th Nov 2024

By: Value Research Dhanak

नेगेटिव वर्किंग कैपिटल होने पर भी कुछ कंपनियां दूसरों से बेहतर क्यों हैं, जानिए. 

नेगेटिव वर्किंग कैपिटल क्या है? 

नेगेटिव वर्किंग कैपिटल की ज़रूरत तब पड़ती है जब किसी कंपनी की कम समय में ज़्यादा देनदारी है, तो उसके पास अपना बिज़नस चलाने के लिए कैपिटल कम होगा. ऐसे में सतर्क रहना चाहिए, लेकिन कुछ कंपनियां नेगेटिव वर्किंग कैपिटल के बावजूद काफ़ी अच्‍छा प्रदर्शन करती हैं. 

नेगेटिव वर्किंग कैपिटल हमेशा नेगेटिव नहीं है 

अगर एक कंपनी पर न के बराबर क़र्ज़ है और कंपनी के पास नेगेटिव या शार्ट कैश कन्वर्ज़न साइकल है, तो ज़रूरी नहीं है नेगेटिव वर्किंग कैपिटल के आंकड़े निराश ही करें. 

देवयानी इंटरनेशनल की मिसाल 

देवयानी इंटरनेशनल भारत में पीज़्ज़ा-हट चलाती है. ये अपने सप्‍लायरों से कच्चा माल उधार पर ख़रीदती है.लेकिन बिक्री के तुरंत बाद कंज़्यूमर उसे पैसे दे देता है. इसका मतलब हुआ कि कंपनी अपने सप्‍लायर को भुगतान से पहले ही अपनी इन्‍वेंटरी और रिसीवेबल को कैश में बदल लेती है.  

कम समय के उधार से सतर्क रहें 

कंपनी नेगेटिव वर्किंग कैपिटल के समय में भी अपना कारोबार अच्‍छी तरह से चला सकती है लेकिन इसके लिए ज़रूरी है कि कंपनी पर कम समय का क़र्ज़ कम हो और उसका कैश कन्वर्ज़न साइकल छोटा हो.