Published: 09th Oct 2024
By: Value Research Dhanak
जानिए कैसे रिबैलेंसिंग आपके पोर्टफ़ोलियो को आपकी रिस्क लेने की क्षमता और गोल के मुताबिक़ बनाएगी
म्यूचुअल फ़ंड्स में नियमित रूप से निवेश करने का एक बेहतरीन तरीक़ा है SIP. इससे निवेशक छोटी रक़म से लंबे समय में एक बड़ा पोर्टफ़ोलियो बना सकते हैं.
SIP शुरू करना जितना अहम है, उतना ही ज़रूरी है समय-समय पर अपने पोर्टफ़ोलियो को रिबैलेंस करना. रिबैलेंसिंग एक निवेश की स्ट्रैटजी है जिसका मक़सद अपने पैसे के साथ रिस्क उठाने की आपकी क्षमता और इन्वेस्टमेंट गोल के मुताबिक़ आपके पोर्टफ़ोलियो को दुरुस्त रखना है.
रिबैलेंसिंग का मतलब है कि आपके निवेश पोर्टफ़ोलियो को समय-समय पर नए सिरे से व्यवस्थित करना, ताकि ये आपके द्वारा चुने गए एसेट एलोकेशन के मुताबिक़ बना रहे. SIP में ये इसलिए ज़रूरी है, क्योंकि समय के साथ बाज़ार में आने वाले उतार-चढ़ाव के कारण पोर्टफ़ोलियो का बैलेंस बिगड़ सकता है.
बाज़ार का उतार-चढ़ाव, लॉन्ग टर्म गोल और बाज़ार में गिरवाट आने से आपके पोर्टफ़ोलियो पर ख़ासा असर पड़ सकता है. अगर आप चाहते हैं कि निवेश आपके गोल के मुताबिक़ बना रहे तो SIP निवेश को रिबैलेंस कर लेना चाहिए.
ये पोस्ट निवेश से जुड़ी जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें.
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