निवेशकों के लॉन्ग टर्म पोर्टफ़ोलियो के लिए Debt Fund बहुत ज़रूरी है. ख़ासकर जब आपके पास मोटी रक़म इकट्ठा हो जाए.
2-5 साल में इक्विटी में लगे हुआ पैसा जब मुनाफ़ा बना ले तब आप तय कीजिए की डेट में कितना पैसा लगेगा और उस पैसे को डेट फ़ंड में ज़रूर लगाएं.
अपने पूरे पोर्टफ़ोलियो का अनालेसिस कीजिए कितना पैसा कहां लगा है. इससे बाज़ार की गिरावट में आपका नुकसान कम होगा और आपका निवेश बचा रहेगा.
जब आप अपने पूरे पोर्टफ़ोलियो का अनलेसिस करते हैं तो इसकी ज़रूरत इसलिए सबसे ज़्यादा पड़ती है, जब बाज़ार गिरे तो आप इसे रिबैलेंस करके बाज़ार की गिरावट का फ़ायदा उठा पाएं. अगर भारी गिरावट हो तो आपको ज़्यादा अफ़सोस न हो.
अपने पूरे पोर्टफ़ोलियो को स्टैबिलिटी देने के लिए बड़ा आसान सा तरीक़ा है, एग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड में पैसा या कंज़रवेटिव हाइब्रिड फ़ंड में पैसा लगाएं.
इसके अलावा आप किसी बैलेंस्ड एडवांटेज फ़ंड में भी पैसा लगा सकते हैं.