Term Plan में इंश्योरेंस कंपनी आमतौर पर 3 तरह के पेआउट का ऑप्शन देती है. 1. नॉमिनी को एकमुश्त भुगतान. 2. सम एश्योर्ड के अलावा मंथली इनकम. 3. मंथली इनकम और इसमें सालाना 10% बढ़ोतरी.
आसान भाषा में समझें तो पहले ऑप्शन में इंश्योरेंस कंपनी द्वारा पूरा सम एश्योर्ड नॉमिनी को एकमुश्त भुगतान किया जाएगा.
इसमें नॉमिनी को एक तय राशि तुरंत मिलेगी और इसके बाद मंथली इनकम के तौर पर 10-15 साल तक कुछ रकम मिलेगी.
इसमें मंथली इनकम में हर साल कुछ फ़ीसदी का इजाफ़ा होगा, तो इस तरह से ये ऑप्शन एक अवधि तक आपके नॉमिनी को इन्फ्लेशन एडजस्टेड इनकम की गारंटी देगा.
नॉमिनी की क्षमता के आधार पर पेआउट ऑप्शन चुनें. नॉमिनी को एकमुश्त ₹2 करोड़ मिलने पर क्या वो इस रकम को ऐसे निवेश कर पाएंगे कि उनको नियमित इन्फ्लेशन एडजेस्टेड इनकम होती रहे.
क्या वे जरूरी अनुशासन बनाए रख पाएंगे. कितनी आशंका है कि वे किसी ऐसी चीज़ में रकम लगा दें जहां उनकी रकम डूब जाए. क्या वे आपके न रहने पर इस प्लान पर अमल कर पाएंगे?
टर्म इंश्योरेंस ख़रीदने का सबसे अहम मकसद ये है कि आपके न रहने पर परिजन अपनी देखभाल अच्छी तरह से कर पाएं. बस आपको ये ध्यान रखना होगा कि नॉमिनी की हालात को मैनेज करनी की क्षमता कैसी है?