NPS या Mutual Fund, रिटायरमेंट के लिए क्या बेहतर?

कितने लोगों के पास रिटायरमेंट प्लान नहीं?

PGIM म्यूचुअल फ़ंड के लिए नील्सन द्वारा किए गए एक सर्वे के अनुसार, 51% भारतीयों के पास कोई रिटायरमेंट प्लान नहीं है.

यहां निवेश किया गया पैसा काफ़ी नहीं

जिनके पास रिटायरमेंट प्लान है, उन्होंने अपना ज़्यादातर पैसा या तो बैंक FD या लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनियों के इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश किया है. जो रिटायरमेंट की ज़रूरतों के लिए काफ़ी नहीं है.

रिटायरमेंट प्लान के लिए क्या है सही?

वैसे तो निवेश करने के कई और भी ज़रिए मौजूद हैं लेकिन NPS और म्यूचुअल फ़ंड रिटायरमेंट के लिए सबसे सही माने जाते हैं.

NPS क्या है?

NPS सभी भारतीय नागरिकों को पेंशन का फ़ायदा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है. ये पहले से तय एक कंट्रीब्यूशन स्कीम है जिसमें रिटायरमेंट तक निवेश बरक़रार रखा जाता है.

म्यूचुअल फ़ंड

म्यूचुअल फ़ंड निवेश का वो ज़रिया है जो निवेशकों से पैसा इकट्ठा करते हैं. इसमें निवेशकों से जुटाया गया पैसा इक्विटी, डेट, कमोडिटी आदि अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश किया जाता है.

NPS VS म्यूचुअल फ़ंड्स

क्या है लक्ष्य?

NPS और म्यूचुअल फ़ंड्स दोनों का लक्ष्य पर्याप्त पैसा जमा करने में निवेशकों की मदद करना है, ताकि उन्हें रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिले.

इस लिहाज़ से NPS है बेहतर

म्यूचुअल फ़ंड की तुलना में, NPS ज़्यादा किफ़ायती और टैक्स के लिहाज़ से अच्छा विकल्प है. इसके अलावा, ये उन लोगों के लिए ज़्यादा सही है जो अपने निवेश में अनुशासन लाना चाहते हैं.

डिस्क्लेमर

इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.

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