NPS या Mutual Fund, क्या बेहतर है रिटायरमेंट के लिए?

Published:  17th Oct  2024

By: Value Research Dhanak

दोनों तरीक़ों की अपनी-अपनी ख़ूबियां हैं, लेकिन बात रिटायरमेंट की है तो बेहतर विकल्प के लिए विचार करना ज़रूरी हो जाता है. आइए समझते हैं.

बैंक FD या लाइफ़ इंश्योरेंस काफ़ी नहीं है 

जिनके पास रिटायरमेंट प्लान है, वो अपना ज़्यादातर पैसा या तो बैंक FD या लाइफ़ इंश्योरेंस कंपनियों के इन्वेस्टमेंट प्लान में निवेश करते हैं. लेकिन, रिटायरमेंट की ज़रूरतों के लिए ये काफ़ी नहीं है. 

रिटायरमेंट प्लान के लिए क्या है सही? 

वैसे तो निवेश करने के कई और भी विकल्प मौजूद हैं, लेकिन NPS और म्यूचुअल फ़ंड रिटायरमेंट के लिए सबसे सही माने जाते हैं.  

NPS क्या है? 

NPS सभी भारतीय नागरिकों को पेंशन का फ़ायदा देने के लिए केंद्र सरकार द्वारा शुरू की गई एक पहल है. ये पहले से तय एक कंट्रीब्यूशन स्कीम है जिसमें रिटायरमेंट तक निवेश बरक़रार रखा जाता है. 

म्यूचुअल फ़ंड निवेश बेहतर है! 

म्यूचुअल फ़ंड निवेश का वो ज़रिया है जो निवेशकों से पैसा इकट्ठा करते हैं. इसमें निवेशकों से जुटाया गया पैसा इक्विटी, डेट, कमोडिटी आदि अलग-अलग एसेट क्लास में निवेश किया जाता है. 

NPS VS म्यूचुअल फ़ंड्स की तुलना 

क्या है लक्ष्य? 

NPS और म्यूचुअल फ़ंड्स दोनों का लक्ष्य पर्याप्त पैसा जमा करने में निवेशकों की मदद करना है, ताकि उन्हें रिटायरमेंट के बाद की ज़रूरतों को पूरा करने में मदद मिले. 

इस लिहाज़ से NPS है बेहतर  

म्यूचुअल फ़ंड की तुलना में, NPS ज़्यादा किफ़ायती और टैक्स के लिहाज़ से अच्छा विकल्प है. इसके अलावा, ये उन लोगों के लिए ज़्यादा सही है जो अपने निवेश में अनुशासन लाना चाहते हैं. 

डिस्क्लेमर  

इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.