By: Abhijeet Pandey
Published 29 May 2024
General Elections 2024 के नतीजे 4 जून को आ जाएंगे. इसके बाद बाज़ार में कितना उतार-चढ़ाव आ सकता है? ऐसे में निवेशकों के लिए सही स्ट्रैटजी क्या हो सकती है?
बाज़ार का माहौल काफ़ी हद तक इस बात पर निर्भर करेगा कि चुनावी नतीजे ज़्यादातर निवेशकों की उम्मीद के हिसाब से आते हैं या नहीं.
शॉर्ट-टर्म में बाज़ार बेहद उतार-चढ़ाव भरा होता है और इसका अनुमान लगाना मुश्किल है. हालांकि, ये उतार-चढ़ाव आम तौर पर लॉन्ग-टर्म में कम हो जाता है.
वर्ष 2004 में Election Result के तुरंत बाद बाज़ार में गिरावट रही. लेकिन जैसे-जैसे समय बीता (छह महीने से पांच साल तक), इसमें तेज़ी देखने को मिली.
तमाम अनुमान और अटकलों के साथ हर पांच साल में General elections होंगे. आपको इस तरह के शोर को नज़रअंदाज करना चाहिए और भारत की बढ़ती ग्रोथ पर भरोसा रखें.
इक्विटी में लॉन्ग-टर्म के लिए निवेश करें और अपने निवेश प्लान पर कायम रहें और चुनाव या किसी अन्य घटना जैसे शॉर्ट-टर्म मार्केट में उतार-चढ़ाव के कारण इसमें बदलाव न करें.
बाज़ार के बारे में अनुमान लगाने या ऑपर्च्यूनिटीज़ पर दांव लगाने की कोशिश न करें. और इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.