बढ़ती महंगाई, बढ़ते ख़र्च और घटती आमदनी में मुझ जैसे आम निवेशक को कहां निवेश करना चाहिए?
ऐसे में आमदनी बढ़ने की उम्मीद ज़्यादा नहीं है. लेकिन आपके पास जो बचत का थोड़ा बहुत पैसा है, वो अच्छी रफ़्तार से बढ़ सके, इसके लिए म्यूचुअल फ़ंड एक अच्छा विकल्प साबित हो सकता है.
इक्विटी में पैसा लगाना आपके लिए ज़रूरी है लेकिन इक्विटी में पैसा लगाना खतरनाक भी है. ख़ासतौर पर आप सीधे इक्विटी में पैसा तब लगाते हैं तो बाज़ार चढ़ रहा होता है.
जब आपको बाज़ार पर पूरा भरोसा होता है, तब अचानक से बाज़ार गिर जाता है. असल में इसके बारे में आपको ज़्यादा जानकारी नहीं होती है और बाज़ार गिरने के बाद आप पैसा निकाल लेते हैं.
आप इक्विटी फ़ंड्स के ज़रिए धीरे-धीरे पैसा लगाएं. इससे आपका पैसा मंहगाई दर से ज़्यादा तेज़ बढ़ेगा. ये आपके लिए बहुत ज़रूरी भी है और फ़ायदेमंद भी.
अगर पैसा मंहगाई दर जितना बढ़ता है तो हकीकत में आपका पैसा कम हो रहा होता है. इससे जूझ़ने का सही तरीका ये है कि आप रियल-एसेट में पैसा लगाएं जो इक्विटी फ़ंड के ज़रिए हो सकता है.
अगर आपके पास समय है, कंपनियों के बारे में जानकारी है और स्टॉक मार्केट का अध्ययन करते हैं तो आप सीधे तौर से स्टॉक मार्केट में निवेश सकते हैं.
अक्सर गिरावट देखने को मिलती है और आगे भी देखने को मिलेगी. बाज़ार का डिज़ाइन ही ऐसा है की उतार-चढ़ाव बना ही रहेगा. इसलिए, गिरावट आने पर घबराएं नहीं.
म्यूचुअल फ़ंड में SIP शुरू कीजिए, क्योंकि जब बाज़ार गिरेगा तो आपको खुशी ही होगी. असल में, इससे आपको उतने ही पैसे में म्यूचुअल फंड की ज़्यादा यूनिट मिलेंगी.
ये लेख/ म्यूचुअल फ़ंड से जुड़ी जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें.