Published: 12th July 2024
Benjamin Graham को वैल्यू इन्वेस्टिंग का जनक कहा जाता है क्योंकि उनकी फ़िलॉसफी उन स्टॉक्स को ख़रीदने के इर्द-गिर्द घूमती है जो अपने इंट्रिंसिक वैल्यू यानी अपनी असल वैल्यू से काफी नीचे ट्रेड कर रही हों.
वैल्यू इन्वेस्टिंग में कम वैल्यू वाले क्वालिटी स्टॉक्स ख़रीदे जाते हैं. कम वैल्यू, यानी सस्ता स्टॉक वो होता है जिसकी मार्केट वैल्यू उसकी आंतरिक मूल्य (intrinsic value), यानी उससे जुड़े बिज़नस की असल वैल्यू से कम होती है.
कल्पना कीजिए एक रोज़ आप बाज़ार में जाते हैं. वहां आपको कुछ ऐसा दिख जाता है जो वाकई में अनमोल है और अपनी असल वैल्यू से बहुत कम दाम में मिल रहा है, ख़ुद से उस अनमोल चीज़ की पड़ताल कर लेने के बाद आप बिना देरी के उसे ख़रीद लेते हैं. यही है Value Investing.
बेंजामिन ग्राहम, वाल्टर श्लॉस, वॉरेन बफ़े, चार्ली मंगर और हॉवर्ड मार्क्स सहित कई निवेशक वैल्यू इन्वेस्टिंग के समर्थक हैं.
बीते कुछ साल में, वैल्यू इन्वेस्टिंग में कई बदलाव हुए हैं. लेकिन ये कभी भी चलन से बाहर नहीं होगी. क्योंकि ऐसा मार्केट के दिग्गजों का मानना है, वैल्यू इन्वेस्टिंग कभी चलन से बाहर नहीं होगी. क्योंकि स्टॉक ख़रीदते समय आप जितना भुगतान करते हैं उससे ज़्यादा वैल्यू पाना चाहते हैं. ये नज़रिया कभी चलन से बाहर नहीं होगा.
वैल्यू इन्वेस्टिंग के लिए निवेशकों को धैर्यवान और अनुशासित होना ज़रूरी है. ये नज़रिया उन्हें समय के साथ अच्छा रिटर्न कमाने में मदद कर सकता है.
ये लेख निवेश से जुड़ी जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें. ज़्यादा जानकारी के लिए अगली स्लाइड में दिए गए लिंक पर जाएं.