Uniform KYC: क्या आप अलग-अलग कामों के लिए बार-बार KYC कराकर परेशान हो चुके हैं? तो अब सरकार आपकी इस चिंता को दूर करने के लिए बड़ा क़दम उठाने जा रही है.
हाल में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में हुई FSDC की मीटिंग में कस्टमर्स को वेरिफ़ाई करने के लिए Uniform Know Your Customer यानी KYC लागू करने का फैसला लिया गया.
हालांकि, अभी ये साफ़ नहीं है कि ये कब तक लागू होगा. यहां पर हम यूनिफ़ॉर्म KYC से जुड़े कुछ बड़े फ़ायदों के बारे में बता रहे हैं.
Uniform KYC: इसके लागू होने पर, पूरे फ़ाइनेंशियल सेक्टर में KYC रिकॉर्ड्स की इंटर-यूजेबिलिटी हो सकेगी. साथ ही, KYC प्रोसेस का सरलीकरण और डिजिटलीकरण संभव होगा.
यूनिफ़ॉर्म KYC लागू होने से बार-बार KYC कराने की समस्या से मुक्ति मिल जाएगी. इससे कस्टमर्स के साथ-साथ फ़ाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए समय की बचत होगी.
इन्वेस्टर्स को बैंक, इंश्योरेंस कंपनियों, AMCs, ब्रोकर्स, DPs आदि फ़ाइनेंशियल इंटरमीडियरीज के पास अकाउंट खुलवाने के लिए बार-बार KYC डॉक्यूमेंट्स नहीं देने होंगे.
इंटरमीडियरीज की बात करें तो उनके लिए बार-बार रजिस्ट्रेशन और डेटा बनाकर रखने से जुड़ी कॉस्ट कम हो जाएगी.
केंद्र ने विभिन्न फ़ाइनेंशियल एसेट्स के लिए बार-बार KYC की ज़रूरत को खत्म करने के लिए वर्ष 2016 में CKYCR लॉन्च की थी, लेकिन ये सिर्फ़ कैपिटल मार्केट्स तक सीमित रह गई.