निवेश के लिए एक साथ ज़्यादा पैसा इकट्ठा करने के मोह में न पड़ें. जैसे-जैसे पैसे आएं, निवेश करते रहें. पर बड़ी रक़म हो, तो उसके निवेश की स्ट्रैटजी जानने के लिए आगे पढ़ें.
पहले देखें कि पैसा आपके लिए कितना बड़ा है. अगर रक़म आपके लिए बड़ी है, तो जितना समय कमाने में लगा है, उसके आधे समय में निवेश करें. पर ये समय 3-साल से ज़्यादा न हो.
अगर आपको अपने ऑफ़िस से सालाना बोनस मिला है, तो उसे अगले तीन महीने में निवेश कर दें. निवेश के लिए मार्केट गिरने का इंतज़ार बिल्कुल मत करें.
अगर इक्विटी निवेश पहली बार कर रहे हैं, तो कंज़रवेटिव रहें और अग्रेसिव हाइब्रिड फ़ंड से शुरू करें. ये फ़ंड 75% इक्विटी में और 25% डेट में लगाते हैं और बाज़ार गिरने पर, कम गिरते हैं.
किसी फ़्लेक्सी-कैप या मल्टी-कैप फ़ंड में पैसा लगाएं. अगर युवा हैं, तब भी आपको यही करना चाहिए. इक्विटी में तभी निवेश करें जब आपको उस पैसे की ज़रूरत 5-7 साल तक न हो.
हर लंबे समय (5-साल+) के निवेश के लिए इक्विटी में पैसा लगाना चाहिए. आपकी बचत का कितना पैसा इक्विटी में हो, ये इस पर निर्भर है कि आप कितना उतार-चढ़ाव झेल सकते हैं.
1. निवेश सिस्टमैटिक तरीक़े से लगातार करें. 2. ज़रूरत के 2-3 साल पहले सिस्टमैटिक तरीक़े से पैसा निकाल कर, डेट फ़ंड या बैंक में रख लें. आख़िरी समय में मार्केट में निर्भर न रहें.
रिटायरमेंट के बाद भी आपका कुछ पैसा इक्विटी में होना ज़रूरी है. महंगाई दर के साथ, आपका रिटायरमेंट फ़ंड भी बढ़ना चाहिए. इसके लिए कॉर्पस का एक हिस्सा इक्विटी में ज़रूर रखें.