जैसे आप अपना टैक्स फ़ाइल करने के लिए किसी चार्टर्ड एकाउंटेंट को पैसा देते हैं. ठीक वैसे ही अपना इन्वेस्टमेंट मैनेज करने के लिए आप म्यूचुअल फ़ंड कंपनियों को फ़ीस देते हैं, इसे ही एक्सपेंस रेशियो कहते हैं.
एक्सपेंस रेशियो में वो सभी चार्ज शामिल होते हैं, जो आप किसी फ़ंड हाउस को अदा करते हैं. इसमें फ़ंड मैनेजमेंट फ़ीस, एजेंट का कमीशन और विज्ञापन से जुड़े ख़र्च शामिल होते हैं.
अगर आपके फ़ंड का एक्सपेंस रेशियो 1.5% भी है, तो लॉन्ग-टर्म में आपके रिटर्न पर इसका काफ़ी असर हो सकता है. बेहतर होगा कि आप लगातार अच्छा प्रदर्शन करने वाले और कम एक्सपेंस रेशियो वाले फ़ंड में ही निवेश करें.
हर फ़ंड का एक्सपेंस रेशियो अलग-अलग होता है. मगर ध्यान रहे कि इक्विटी म्यूचुअल फ़ंड का एक्सपेंस रेशियो 2.25% से ज़्यादा नहीं हो सकता, डेट फ़ंड के मामले में ये 2% से ज़्यादा नहीं हो सकता है.
किसी भी फ़ंड का एक्सपेंस रेशियो जानने के लिए, आप एसेट मैनेजमेंट कंपनी (AMC) की वेबसाइट पर जाकर चेक कर सकते हैं. या आप “धनक” वेबसाइट के सर्च बार में फ़ंड का नाम एंटर करके इसे आसानी से चेक कर सकते हैं.
अपनी मेहनत की कमाई को म्यूचुअल फ़ंड में निवेश करने से पहले, एक्सपेंस रेशियो की जांच ज़रूर करें. अच्छे फ़ंड वही हैं जो कम से कम एक्सपेंस में ज़्यादा से ज़्यादा रिटर्न दें.
इस लेख का उद्देश्य निवेश की जानकारियां देना है. ये निवेश की सलाह नहीं है.