कंपनी डिपॉजिट के जरिये कंपनियां निवेश के लिए पैसा जुटाती हैं. और, वो एक तय समय के बाद ब्याज़ के साथ इन्वेस्टर्स को पैसा लौटाती हैं.
अगर आपका कोई शॉर्ट टर्म के लिए फ़ाइनेंशियल गोल है या एकमुश्त निवेश करना चाहते है तो ये एक बेहतर विकप हो सकता है. हालांकि, कंपनी डिपॉजिट में इंश्योपेंस उपलब्ध नहीं है.
कंपनी डिपॉजिट में निवेश से पहले ये देख लीजिए कि कंपनी के बेसिक फ़ंडामेंटल्स मजबूत हों और कंपनी की CRICIL, CARI या ICRA जैसी क्रेडिट रेटिंग एजेंसियों से क्रेडिट रेटिंग होनी चाहिए.
कंपनी डिपॉजिट में जमा की गई रक़म या इस पर मिलने वाला ब्याज टैक्स छूट के दायरे में नहीं आता है. कंपनी डिपॉजिट पर मिलने वाले सालाना रिटर्न को कुल इनकम में जोड़ा जाता है और स्लैब रेट के हिसाब से टैक्स लगता है.
कंपनी डिपॉजिट में 12 से 60 महीने के बीच के समय के लिए निवेश कर सकते हैं. थोड़े समय की बचत के लिए एक साल के लिए निवेश कर सकते हैं. अगर आप बड़ा कॉर्पस बनाना चाहते हैं, तो पांच साल के लिए निवेश करें.
18 साल या इससे ज़्यादा की उम्र का कोई भी व्यक्ति इसमें निवेश कर सकता है. नाबालिग भी डिपॉजिट में निवेश कर सकते हैं लेकिन इसके लिए उनके अभिवावक डिपॉजिट को चला सकते है.
आप डिपॉजिट ऑफर करने वाली कंपनियों के पास सीधे डिपॉजिट कर सकते हैं या इनको बेचने वाले डिस्ट्रीब्यूटर्स के जरिए डिपॉजिट कर सकते हैं.
आपको डिपॉजिट एप्लीकेशन फॉर्म भरना होगा. डिपॉजिट खरीदते समय वेरीफ़िकेशन के लिए ओरिजिनल आईडी प्रूफ जमा करना पड़ता है. आप कैश, चेक, ऑनलाइन ट्रांसफर या डिमांड ड्राफ्ट के ज़रिए निवेश कर सकते हैं.
कंपनी डिपॉजिट में रिस्क है एक फ़ाइनेंशियल ईयर में ₹5,000 से ज़्यादा का ब्याज होने पर TDS कटता है. ब्याज के तौर पर इनकम मासिक, तिमाही, छमाही या सालाना उपलब्ध है.
इसमें रिटर्न तो अच्छा है, लेकिन कंपनी में डिपॉजिट पैसा वापस मिलने में मुश्किल हो सकती है, खासकर की जब कंपनी की आर्थिक स्थिति ठीक न हो. बाकी सावधान रहें!