Asset Allocation रिस्क और रिटर्न को बैलेंस करता है. ये रिस्क को कम करता है और बेहतर रिटर्न दिलाने में मदद करता है.
Asset Allocation में आप अपने निवेश को इक्विटी, गोल्ड, बॉन्ड या फिर ऐसे दूसरे एसेट क्लास में अलग-अलग लगाते हैं. इसे ही एसेट एलोकेशन कहते हैं. इसका उद्देश्य रिस्क कम करना होता है.
Asset Allocation निवेश की स्ट्रैटजी बनाने के लिए बहुत काम आता है. इसमें तय करना होता है कि किस विकल्प के ज़रिए कितना निवेश करना है, जिससे नुकसान कम हो.
Asset Allocation का कोई ख़ास तरीका नहीं है. इसे निवेशक फ़ाइनेंशियल गोल, इन्वेस्टमेंट टर्म, रिस्क लेने की क्षमता और लिक्विडिटी के आधार पर एलोकेट करते है.