ECS Return Charges: कैसे बचें इससे?

Published 31 Jan 2024

By: Abhijeet Pandey

आइए समझते हैं ECS रिटर्न चार्ज क्या है?

जब कोई ट्रांज़ैक्शन अकाउंट में पैसों की कमी से फ़ेल हो जाता है, तो बैंक द्वारा लगाए जाने वाले चार्ज को ECS रिटर्न चार्ज कहते हैं.

इसमें चार्ज लगने की प्रक्रिया क्या है?

अगर आपकी 3 SIP हैं और आपके अकाउंट में पैसे नहीं हैं, तो हर एक SIP पर ₹590 का रिटर्न चार्ज लगेगा (500 + 18% GST). इस तरह से आपको ₹590 X 3 = ₹1,770 जुर्माने के तौर पर देने होंगे.

क्या ये चार्ज सिर्फ़ SIP पर है?

ये चार्ज न केवल SIP के बाउंस होने पर होता है, बल्कि बिल, लोन, बीमा प्रीमियम के ऑटो पेमेंट के बाउंस होने पर भी लिया जाता है.

फ़ंड ट्रांसफ़र की सुविधा कौन चलाता है?

नेशनल ऑटोमेटेड क्लियरिंग हाउस (NACH) ये सुविधा देता है.

NACH की स्थापना किसने की?

नेशनल पेमेंट्स कॉर्पोरेशन ऑफ़ इंडिया (NPCI) द्वारा स्थापित किया गया.

इस चार्ज से कैसे बचा जा सकता है?

इससे बचने के लिए आप अपने बैंक अकाउंट में ज़रूरत के मुताबिक़ बैलेंस बनाए रखना चाहिए.

अगर पैसे कट गए हैं तो ये वापस कैसे लिए जा सकते हैं?

ये समझना ज़रूरी है कि ये चार्ज वापस नहीं किया जाता है. इसलिए निवेश के साथ-साथ किसी भी काम के लिए अपने बैंक में ऑटो-पेमेंट का मैंडेट दिया है, तो उतनी रक़म अकाउंट में ज़रूर रखें.