आप चाहे जिस गोल के लिए निवेश कर रहे हैं, आपको 4 बातों पर कभी समझौता नहीं करना चाहिए. तभी आपको निवेश का पूरा फ़ायदा मिलेगा और आप अपनी ज़रूरतें पूरी करी पाएंगे.
बचत और निवेश में फ़र्क़ है. बचत बिना गोल के कर सकते हैं. लेकिन निवेश में पता होना चाहिए कि निवेश क्यों कर रहे हैं? अन्यथा आपके निवेश के लिए ग़लत विकल्प चुनने की आशंका ज़्यादा है.
निवेश से पहले थोड़ी रिसर्च करनी चाहिए. जानना चाहिए कि इसका नेचर क्या है. ये कैसे काम करता है. जैसे-इक्विटी में निवेश करते समय इसका बीते 5-10 साल का रिटर्न देखना चाहिए.
इक्विटी में कम अवधि में तेज उतार चढ़ाव दिख सकता है. इसीलिए, कहा जाता है कि इक्विटी में निवेश लंबे समय के लिए करना चाहिए. ज़रूरत पड़े तो किसी फ़ाइनेंशियल एडवाइज़र की मदद लें.
रिटायरमेंट कॉर्पस जैसी ज़रूरत के लिए निवेश कर रहे हैं तो इसमें लंबा समय लगता है. अगर ये नहीं जानते हैं कि कितने समय में गोल हासिल होगा तो आपका फ़ाइनेंशियल प्लान बरबाद हो सकता है.