रियल एस्टेट में कई लोग चाहकर भी निवेश नहीं कर पाते हैं. असल में, इसमें निवेश के लिए बड़ी रकम ज़रूरी है. हम आपको रियल एस्टेट में निवेश का आसान तरीक़ा बता रहे हैं.
आप रियल एस्टेट इनवेस्टमेंट ट्रस्ट (REIT) के जरिए यह काम कर सकते हैं. इसमें निवेश के लिए आपको ज़्यादा रक़म की ज़रूरत नहीं होगी. आइए, जानते हैं क्या है REITs…
जिस तरह म्यूचुअल फ़ंड की कोई स्कीम कई निवेशकों से पैसा जुटाकर शेयरों या बॉन्ड्स में निवेश करती है, उसी तरह REITs निवेशकों से पैसा जुटाकर रिटल एस्टेट में निवेश करता है.
इससे REITs को नियमित आय होती है. साथ ही उसके निवेश वाली प्रॉपर्टी की क़ीमत बढ़ती रहती है. इससे भी उसे फ़ायदा होता है. REITs कमर्शियल प्रॉपर्टी में निवेश करते हैं.
इसमें मॉल्स, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स, बिजनेस पार्क आदि हो सकते हैं. इस निवेश से उसे किराए के रूप में उसे नियमित आय होती है.
Sebi ने REITs के लिए 2015 में नियम बनाए थे. REITs को फ़ंड का 80% पूरी तरह से तैयार और किराया देने वाली प्रॉपर्टी में निवेश करना पड़ता है.
मार्च 2024 में स्मॉल और मीडियम REITs के लिए अधिसूचित नए नियमों के मुताबिक़, ऐसे REITs के निवेश प्रबंधकों की न्यूनतम नेटवर्थ ₹20 करोड़ होनी चाहिए.
शुरुआत में REITs में न्यूनतम निवेश की रकम ₹2 लाख थी. फिर इसे घटाकर SEBI ने ₹50,000 किया था. बाद में इसे और घटाकर ₹10,000-15,000 कर दिया गया है.