Published on: 10th Apr 2025
9 अप्रैल 2025 को अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बड़ा ऐलान किया. अमेरिका आने वाले 90 दिनों तक 75 से ज़्यादा देशों पर कोई नया टैरिफ़ नहीं लगाएगा. हालांकि चीन पर टैरिफ़ 125% तक बढ़ा दिए गए हैं. इस ख़बर ने वैश्विक बाजारों में राहत की लहर दौड़ा दी. निवेशकों में भरोसा लौटा और अमेरिकी बाज़ारों से शुरू हुई तेज़ी एशिया तक पहुंच गई. ट्रंप का ये फै़सला फ़िलहाल ग्लोबल ट्रेड वॉर पर ब्रेक लगाने जैसा है.
गुरुवार सुबह जापान का प्रमुख शेयर इंडेक्स Nikkei 225 क़रीब 10% की ज़बरदस्त छलांग के साथ खुला. दिनभर के उतार-चढ़ाव के बाद ये 7.38% की मज़बूती के साथ बंद हुआ, जो एक दुर्लभ और ऐतिहासिक रैली है. इसके साथ ही टॉपिक्स इंडेक्स में भी 7.12% की बढ़त देखने को मिली. ये तेज़ी सीधे-सीधे ट्रंप के टैरिफ़ पॉज़ से जुड़ी है, जिसने निवेशकों को भरोसा दिलाया कि व्यापारिक तनाव फ़िलहाल थमा है.
जापान की बढ़त ने बाक़ी एशियाई शेयर बाज़ारों को भी संजीवनी दी. दक्षिण कोरिया का Kospi इंडेक्स 5.4% की बढ़त के साथ चमका, जबकि हांगकांग का Hang Seng 4% ऊपर खुला और दिन में 2% की मज़बूती दिखी. ऑस्ट्रेलिया के S&P/ASX 200 में भी 7% की तेज़ी देखने को मिली—जो मार्च 2020 के बाद की सबसे बड़ी एकदिवसीय रैली है.
अमेरिका में शेयर बाजारों ने ट्रंप के फै़सले का जमकर स्वागत किया. S&P 500 ने 9.52% की बढ़त दर्ज की, जो 2008 की फ़ाइनेंशियल मंदी के बाद सबसे बड़ी छलांग है. Nasdaq तो और भी आगे निकला, 12.16% ऊपर चढ़कर इसने जनवरी 2001 के बाद की सबसे तेज़ रैली दिखाई. Dow Jones में 2,963 अंकों की बढ़त आई, और Russell 2000 ने 8.66% की रफ्तार पकड़ी. इन आंकड़ों ने साफ कर दिया कि ट्रंप का क़दम निवेशकों को बेहद पसंद आया है.
ट्रंप ने स्पष्ट किया है कि अमेरिका फ़िलहाल नए टैरिफ़ नहीं लगाएगा, जिससे दुनिया भर के देशों को अस्थायी राहत मिली है. लेकिन चीन को इस फै़सले से बाहर रखा गया है, और वहां टैरिफ़ 125% तक बढ़ा दिए गए हैं. इससे अमेरिका-चीन व्यापार संबंधों में तनाव बना रहेगा.
10 अप्रैल 2025 को महावीर जयंती के चलते भारतीय शेयर बाज़ार (BSE और NSE) बंद हैं. लेकिन निवेशकों की निगाहें पूरी तरह से वैश्विक संकेतों पर टिकी हैं. एक दिन पहले Sensex क़रीब 380 अंक गिरकर 73,847 पर बंद हुआ था और Nifty 136 अंक लुढ़ककर 22,399 पर. हालांकि GIFT Nifty में 2.5% की मज़बूती दिख रही है, जिससे उम्मीद बन रही है कि शुक्रवार को भारतीय बाज़ार भी तेजी से खुलेगा.
भले ही मौजूदा रैली ने बाज़ार को राहत दी है, लेकिन आगे का रास्ता अब भी साफ़ नहीं है. चीन पर बढ़ा दबाव, अमेरिकी महंगाई के आंकड़े, ब्याज दरों की चाल और कंपनियों के तिमाही नतीजे—ये सभी फै़क्टर आगे की दिशा तय करेंगे. ट्रंप का टैरिफ़ पॉज सिर्फ़ 90 दिनों के लिए है. यानि, अनिश्चितता अब भी मंडरा रही है.
अगर आप लोन लेने की सोच रहे हैं, तो ये सही समय है. ब्याज दरें कम हैं, EMI का बोझ भी हल्का रहेगा. साथ ही, शेयर बाजार और रियल एस्टेट जैसी जगहों पर एक्टिविटी बढ़ सकती है, जिससे इनवेस्टमेंट के नए मौके खुलेंगे. अब वक्त है समझदारी से अपने फाइनेंशियल प्लान को रीसेट करने का.