Published: 23rd July 2024
EPF में हर महीने इंप्लॉयर जितनी रक़म का योगदान देता है. ये रक़म टैक्स छूट लेने में मदद कर सकती हैं. यानी इंप्लॉयर अगर हर महीने ₹8,400 जमा करता है, तो साल के आख़िर में ₹1,00,800 (₹8,400 x 12 महीने) पर, टैक्स पर छूट क्लेम कर सकता है.
कई कंपनियां आपकी CTC का कुछ हिस्सा यानी कॉस्ट टू कंपनी आपको FBP के तौर पर देती हैं. अगर इंप्लॉई हर महीने CTC से जुड़े एक्सपेंस को पेश करता है, तो वो अपनी टैक्सेबल इनकम को एक साल में (अलाउंस की कुल रक़म) को कम कर सकता है.
NPS में इंप्लॉयर ओल्ड टैक्स रिजीम से बाहर तो निकल सकता है, लेकिन NPS के ज़रिए अपनी टैक्स लायबिलिटी कम नहीं कर सकता. भले ही नई टैक्स रिजीम में ₹2 लाख से ज़्यादा की टैक्स छूट नहीं मिलती है, पर इंप्लॉयर का NPS योगदान नई रिजीम के तहत माना जाता है.
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