जानिए New Tax Regime में टैक्स छूट के 3 विकल्प  

Published: 23rd July 2024

पहला विकल्प है EPF… 

EPF में हर महीने इंप्लॉयर जितनी रक़म का योगदान देता है. ये रक़म टैक्स छूट लेने में मदद कर सकती हैं. यानी इंप्लॉयर अगर हर महीने ₹8,400 जमा करता है, तो साल के आख़िर में ₹1,00,800 (₹8,400 x 12 महीने) पर, टैक्स पर छूट क्लेम कर सकता है. 

दूसरा विकल्प है फ़्लेक्सी बेनिफ़िट प्लान (FBP) 

कई कंपनियां आपकी CTC का कुछ हिस्सा यानी कॉस्ट टू कंपनी आपको FBP के तौर पर देती हैं. अगर इंप्लॉई हर महीने CTC से जुड़े एक्सपेंस को पेश करता है, तो वो अपनी टैक्सेबल इनकम को एक साल में (अलाउंस की कुल रक़म) को कम कर सकता है. 

तीसरा विकल्प: नेशनल पेंशन सिस्टम (NPS) 

NPS में इंप्लॉयर ओल्ड टैक्स रिजीम से बाहर तो निकल सकता है, लेकिन NPS के ज़रिए अपनी टैक्स लायबिलिटी कम नहीं कर सकता. भले ही नई टैक्स रिजीम में ₹2 लाख से ज़्यादा की टैक्स छूट नहीं मिलती है, पर इंप्लॉयर का NPS योगदान नई रिजीम के तहत माना जाता है. 

डिस्क्लेमर 

ये लेख निवेश से जुड़ी जानकारी देने के लिए है. इसे निवेश की सलाह न समझें. ज़्यादा जानकारी के लिए अगली स्लाइड में दिए गए लिंक पर जाए.